नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में हुए सांप्रदायिक दंगे को एक साल बीत चुका है. इस एक साल में हालात कुछ सामान्य जरूर हुए हैं, लेकिन दंगों का दर्द दिल में अब भी कायम है. यह दर्द ऐसा है जो जिंदगी भर महसूस होता रहेगा, लेकिन इसके बावजूद लोगों ने अपने दर्द को भुला कर काम धंधा फिर से शुरू किया है और जिंदगी एक बार फिर से पटरी पर लौटी है. एक बात और है, वह ये कि लोगों के मन में अभी भी डर का माहौल है.


डीआरपी स्कूल- मुस्तफाबाद इलाके में डीआरपी स्कूल को पिछले साल दंगाइयों ने जला दिया था. अब स्कूल का रेनोवेशन हो चुका है. इस स्कूल के बराबर में राजधानी पब्लिक स्कूल है, जिसकी छत पर गुलेल आदि मिली थी, जहां से दंगाइयों ने पेट्रोल बम फेंके थे. तोड़फोड़ के बाद स्कूल में आग भी लगा दी थी.


इस इलाके में 24 और 25 फरवरी 2 दिन दंगा चला था. स्कूल में 24 फरवरी को दोपहर बाद 3:00 बजे के आसपास उपद्रवी दाखिल हुए थे जिन्होंने स्कूल के अंदर तोड़फोड़ की थी और आगजनी की थी. रस्सी के सहारे दंगाई स्कूल में दाखिल हुए थे. स्कूल में उस समय सिक्योरिटी गार्ड मौजूद था, जिसने बताया था कि दंगाई स्कूल के अंदर घुस गए हैं और तोड़फोड़ कर रहे हैं और आग लगा रहे हैं. क्लासरूम का फर्नीचर भी बाहर इस ग्राउंड में लाकर जला दिया गया था. रिसेप्शन भी तोड़ दिया था.


ओल्ड मुस्तफाबादः ओल्ड मुस्तफाबाद में रहने वाले दो भाइयों आमिर और हाशिम की हत्या की गई थी. ओल्ड मुस्तफाबाद में रहने वाले दो सगे भाइयों आमिर और हाशिम को दंगाइयों ने मौत के घाट उतार दिया था. उनकी बाइक में आग लगा दी थी. दोनों भाई राजीव नगर गाजियाबाद से अपने नाना के घर से 26 फरवरी को लौट रहे थे.


भजनपुराः भजनपुरा पेट्रोल पंप जला दिया गया था- पेट्रोल पंप के सुपरवाइजर केशव का कहना है कि 24 फरवरी की दोपहर 2 से ढाई बजे के बीच अचानक से भीड़ पंप में घुस आई और फिर तोड़फोड़ के बाद आगजनी कर दी. हम सभी यहां से भागे अपनी जान बचा कर. अभी भी मन में डर का माहौल है. लेकिन काम शुरू हो चुका है. लगभग 8 महीने का समय लगा काम शुरू होने में, अब भी काम जारी है. सरकार से मुआवजा नहीं मिला है.


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