दिल्ली दंगा: चार्जशीट में सीताराम येचुरी, योगेन्द्र यादव, जयती घोष के नाम का भी जिक्र, साजिश रचने का आरोप
पूर्वी दिल्ली में दो समुदायों के बीच जबरदस्त हिंसा भड़क उठी थी. नागरिकता कानून समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं. दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 581 लोग घायल हो गए थे जिनमें से 97 गोली लगने से घायल हुए थे.
नई दिल्ली: दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयती घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवं कार्यकर्ता अपूर्वानंद और डॉक्यूमेंटरी फिल्मकार राहुल रॉय के नाम सह-षड्यंत्रकर्ताओं के रूप में दर्ज किए हैं.
क्या है आरोप? आरोप है कि इनमें से कुछ लोगों ने सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को ‘‘किसी भी हद तक जाने को कहा’’, सीएए-एनआरसी को मुस्लिम विरोधी बताकर समुदाय में नाराजगी बढ़ाई और भारत सरकार की छवि खराब करने के लिए प्रदर्शन आयोजित किए.
योगेंद्र यादव ने रखी अपनी बात योगेंद्र यादव से इस बारे में जब बार-बार संपर्क का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने देखा कि मेरे बारे में की गयी टिप्पणी में मेरे भाषण का एक भी वाक्य नहीं है. मुझे हैरानी है कि दिल्ली पुलिस ने मेरे भाषणों की रिकॉर्डिंग देखने की जहमत भी नहीं उठाई जो सार्वजनिक हैं.’’
योगेंद्र यादव ने कहा कि आरोप पत्र में हमारा नाम अभियुक्त के तौर पर नहीं है बल्कि एक अभियुक्त के बयान के आधार पर शामिल किया गया है और यही सही है.
Minus the legalese, @DelhiPolice is saying that we have not been named as accused, that we've just been named in a disclosure statement of one accused. That's correct. As for Delhi Police truthfully recording statement of accused, I am looking for a sack of salt!! https://t.co/GgBNtB7gK7
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) September 12, 2020
इन लोगों को तीन छात्राओं के बयान के आधार पर आरोपी बनाया गया है इन जानेमाने लोगों को तीन छात्राओं के बयान के आधार पर आरोपी बनाया गया है. जेएनयू की छात्राएं देवांगना कालिता और नताशा नरवाल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा गुलफिशा फातिमा पिंजरा तोड़ की सदस्य भी हैं.
इन लोगों को जाफराबाद हिंसा मामले में आरोपी बनाया गया है. गौरतलब है कि यहीं से दंगे शुरू होकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अन्य हिस्सों तक फैल गए थे. तीनों ही छात्राओं के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप दर्ज हैं.
दिल्ली पुलिस ने क्या दावा किया है संसद का मॉनसून सत्र आरंभ होने से महज दो दिन पहले सार्वजनिक किए गए आरोप-पत्र में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि कालिता और नरवाल ने दंगों में न केवल अपनी संलिप्तता स्वीकार की है बल्कि घोष, अपूर्वानंद और रॉय का नाम भी अपने संरक्षकों के तौर पर लिया है जिन्होंने छात्राओं से कथित तौर पर कहा था कि वे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करें और ‘‘किसी भी हद तक जाएं’’.
आरोप-पत्र के मुताबिक छात्राओं-कार्यकर्ताओं ने पुलिस को यह भी बताया कि उन तीनों ने इस्लामी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और जामिया समन्वय समिति के साथ मिलकर पिंजरा तोड़ के सदस्यों को बताया कि सीएए के खिलाफ अभियान को किस तरह आगे लेकर जाना है.घटनाक्रमों की पुष्टि पुलिस ने जामिया की छात्रा फातिमा के बयानों के जरिए की है.
आरोप-पत्र में इन लोगों के नाम भी हैं शामिल आरोप-पत्र में दावा किया गया है कि येचुरी और योगेंद्र यादव के अलावा फातिमा के बयान में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के कार्यकर्ता उमर खालिद और पूर्व विधायक मतीन अहमद एवं विधायक अमानतुल्ला खान जैसे कुछ मुस्लिम समुदाय के नेताओं के नाम भी शामिल हैं. इसमें उन्हें हिंसा के साजिशकर्ताओं का मददगार बताया गया है.
येचुरी ने ट्वीट कर सरकार पर साधा निशाना
आरोप-पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए येचुरी ने एक के बाद एक ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा.उन्होंने कहा किदिल्ली पुलिस केंद्र और गृह मंत्रालय के अधीन है. यह अवैध और गैरकानूनी कार्रवाई भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की राजनीति का सीधा नतीजा है.
पुलिस का दावा है कि फातिमा ने अपने बयान में कहा कि उसे ‘‘भारत सरकार की छवि को खराब करने के लिए’’ प्रदर्शन आयोजित करने को कहा गया था.
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा, ‘‘ये नाम सीएए विरोधी प्रदर्शनों के आयोजन और उन्हें संबोधित करने के सिलसिले में एक आरोपी के खुलासा करने वाले बयान का हिस्सा हैं.’’
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