दिल्ली दंगा: वकील महमूद प्राचा के दफ्तर पर स्पेशल सेल का छापा
मेहमूद प्राचा दिल्ली दंगों में बनाए गए कुछ आरोपियों के वकील हैं और उनकी पैरवी कर रहे हैं. अदालत के समक्ष कुछ ऐसे दस्तावेज पेश किए गए, जिन्हें पुलिस ने फर्जी पाया और इस संबंध में विशेष अदालत को सूचित किया.
नई दिल्ली: दिल्ली दंगो की जांच कर रही स्पेशल सेल को विशेष अदालत ने वकील महमूद प्राचा के खिलाफ जांच के आदेश दिए , जिस पर स्पेशल सेल ने कार्रवाई की है. दरअसल मेहमूद प्राचा दिल्ली दंगों में बनाए गए कुछ आरोपियों के वकील हैं और उनकी पैरवी कर रहे हैं. अदालत के समक्ष कुछ ऐसे दस्तावेज पेश किए गए, जिन्हें पुलिस ने फर्जी पाया और इस संबंध में विशेष अदालत को सूचित किया. जिसके बाद अदालत ने दो वकील जावेद और मेहमूद प्राचा के खिलाफ स्पेशल सेल को जांच करने के निर्देश दिए. साथ ही यह भी कहा कि अगर कुछ गलत पाया जाता है तो उचित कानूनी कार्रवाई भी की जाए. स्पेशल सेल के डीसीपी मनीषी चंद्रा का कहना है कि अदालत के निर्देश अनुसार 24 दिसंबर को हमारी दो टीमों ने दोनों ही वकीलों के यहां पर छापेमारी की थी और इस छापेमारी से पहले दोनों ही वकीलों को अदालत के इस निर्देश की जानकारी दे दी गई थी. वकील जावेद की तरफ से पुलिस टीम का सहयोग किया गया जबकि मेहमूद प्राचा ने पुलिस के काम में बाधा डालने का काम किया और पुलिस टीम के साथ बदसलूकी भी की.
क्या है मामला
दिल्ली पुलिस के अनुसार दिल्ली दंगों के मामले में कुछ आरोपियों की जमानत कर लिए फर्जी नोटरी दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया था. जिसकी जानकारी पुलिस ने स्पेशल कोर्ट को दी. साथ ही वकील महमूद प्राचा और जावेद की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए. जिसके बाद अदालत ने जाँच करने के लिए कहा. स्पेशल सेल के डीसीपी मनीषी चंद्रा के अनुसार स्पेशल की दो टीमों को वकील जावेद अली और महमूद प्राचा के दफ्तर रेड के लिए भेजा गया. जावेद अली का ऑफिस यमुना विहार में है और महमूद प्राचा का निज़ामुद्दीन में. डीसीपी मनीषी चंद्रा का कहना है कि प्राचा ने पुलिस का कोई सहयोग नहीं किया. काम मे बाधा डाली और पुलिस वालों के साथ बदसलूकी की. पुलिस टीम ने सबकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई है, जिसकी जानकारी अदालत को दी जाएगी. स्पेशल सेल ने महमूद प्राचा और उनके जूनियर्स के खिलाफ लोकल पुलिस में शिकायत भी की है.
प्राचा ने पुलिस पर लगाए आरोप
प्राचा ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि दिल्ली पुलिस को जब उनके ऑफिस के कंप्यूटर आदि की जांच में कुछ नहीं मिला तो पुलिस ने बाथरूम तक की जांच की. मेरे व मेरे जूनियर्स के साथ बदतमीजी की. अगर दिल्ली पुलिस ने वीडियो रिकॉर्डिंग को डिस्ट्रॉय नहीं किया तो सब सच सामने आ जायेगा.