नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित धनशोधन के एक मामले में गुरुवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस आरोप की जांच कर रहा है कि हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को भड़काने और दंगों के लिए कथित तौर पर मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल करके लगभग 1.10 करोड़ रुपये का धनशोधन किया.
जांच एजेंसी ने हुसैन को पूछताछ के लिए और हिरासत में दिये जाने का अनुरोध नहीं किया जिसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया.


इससे पूर्व अदालत ने उसे मामले में तीन दिन की ईडी की हिरासत में भेजा था. ईडी के विशेष लोक अभियोजक एन के मत्ता ने इससे पहले अदालत को बताया था कि हुसैन कथित रूप से धनशोधन और धोखाधड़ी, दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक साजिश के अन्य विभिन्न कृत्यों में शामिल है. मत्ता ने बताया था कि ईडी ने विभिन्न परिसरों में की गई छापेमारी में कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किये हैं.


हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता के के मेनन ने दावा किया था कि अभियुक्त परिस्थितियों का शिकार था और हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत नहीं थी क्योंकि उसे यातना के डर का सामना करना पड़ा था.


हुसैन को फरवरी में उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. हुसैन को दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की कथित हत्या के सिलसिले में भी गिरफ्तार किया गया है.


गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा के बाद गत 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुई थी जिनमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गये थे.



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