नई दिल्लीः कठोर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्रा नताशा नरवाल ने बृहस्पतिवार को यहां एक अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों के मामले में पुलिस की ओर से दायर आरोपपत्र हेड कांस्टेबल रतन लाल और गुप्तचर ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा सहित केवल तीन व्यक्तियों की मौत के इर्द-गिर्द घूमता है और इसमें अन्य स्थानीय व्यक्तियों की मौतों को नजरअंदाज किया गया है.
दिल्ली दंगों को लेकर पुलिस कार्रवाई पर सवाल
नरवाल के वकील अदित पुजारी ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष आरोप लगाया कि दंगों में 53 लोगों की मौत हुई, लेकिन आरोप-पत्र केवल तीन व्यक्तियों की मृत्यु के इर्द-गिर्द घूमता है. उन्होंने कहा, “क्या हम एक ऐसे समाज में रह रहे हैं जहां एक पुलिसकर्मी का जीवन 48 अन्य नागरिकों के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है. अभियोजन पक्ष ने दंगों में मारे गए 53 लोगों का नाम लिया, फिर भी साजिश संबंधी आरोप-पत्र तीन लोगों रतन लाल, राहुल सोलंकी और अंकित शर्मा के इर्द-गिर्द घूमता है.
दिल्ली दंगे के मामले में उमर खालिद भी गिरफ्तार
बता दें कि राजधानी में दंगो के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को भी गिरफ्तार किया है. उमर खालिद को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया है. स्पेशल सेल अधिकारियों के अनुसार उमर ही दिल्ली दंगो का मुख्य साजिशकर्ता है. दिल्ली दंगो को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की दायर चार्जशीट में भी उमर खालिद के नाम का जिक्र है.
इसे भी पढ़ेंः
संगठन में बदलाव की मांग करने वाले कई नाराज कांग्रेसी नेता कल करेंगे सोनिया से मुलाकात, जानिए कौन हैं बैठक के असली सूत्रधार