Court Judgement on Road Accident: दिल्ली-एनसीआर के अलावा महानगरों में लापरवाही से गाड़ी चलाना आम बात है. इसकी वजह से अक्सर हादसे भी होते हैं, लेकिन कड़ी कार्रवाई न होने से ऐसा करने वालों के अंदर कोई डर नजर नहीं आता. दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में जो फैसला सुनाया है उससे ऐसा करने वालों को एक सबक मिलेगा.


दरअसल, अदालत ने दो दशक पहले हुई सड़क दुर्घटना के मामले में एक व्यक्ति को लापरवाही से गाड़ी चलाने और एक व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाने का दोषी करार दिया है.


ये है पूरा मामला


रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत नवल किशोर नाम के व्यक्ति के खिलाफ एक पुराने मामले की सुनवाई कर रही थी, जिस पर 2 मार्च 2002 को दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के पुराने पंखा रोड पर ट्रैक्टर चलाने और हीरा नंद शर्मा नामक व्यक्ति को टक्कर मारने का आरोप था. अभियोजन पक्ष ने बताया कि हादसे के 12 दिन बाद अस्पताल में हीरा नंदा शर्मा की मौत हो गई थी.


अदालत ने क्या कहा 


मामले की सुनवाई के दौरान मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट दीक्षा सेठी ने हालिया आदेश में कहा, ‘अदालत का मानना है कि अभियोजन पक्ष ने यह साबित कर दिया है कि आरोपी दुर्घटना के समय लापरवाही से ट्रैक्टर चला रहा था और उसने पीड़ित को गंभीर चोट पहुंचाई थी, इसलिए आरोपी को अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है.’ उन्होंने किशोर को भारतीय दंड संहिता की धारा 279 और 338 के तहत अपराधों के लिए दोषी करार दिया.


अब 22 दिसंबर को सजा पर बहस


हालांकि अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह पता चले कि पीड़ित की मौत दुर्घटना में लगी चोटों के कारण हुई, लेकिन यह साबित हो गया है कि सड़क दुर्घटना में उसे गंभीर चोटें आई थीं. अदालत ने प्रासंगिक हलफनामा दाखिल करने और उसके बाद सजा पर बहस के लिए मामले में 22 दिसंबर की तारीख दी है.


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