दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में हुए बम ब्लास्ट मामले में चार्जशीट दायर, ऐसे पकड़ा गया था आरोपी साइंटिस्ट
अदालत के अंदर हुए बम धमाके के इस मामले ने कई सवालिया निशान खड़े कर दिए थे. मामले की जांच में स्पेशल सेल की नॉर्दन रेंज के डीसीपी समेत 150 पुलिस कर्मी जुटे थे.
दिल्ली की रोहिणी अदालत के कोर्ट रूम में दिसंबर महीने में हुए बम धमाके के मामले में स्पेशल सेल ने आरोपी साइंटिस्ट के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. ये चार्जशीट पटियाला हाउस अदालत की सीएमएम कोर्ट में पेश की गई है. स्पेशल सेल के नॉर्दर्न रेंज के डीसीपी राजीव रंजन का कहना है कि चार्जशीट 1040 पन्नों की है. जिसमें उन तमाम सबूतों का उल्लेख किया गया है, जो जांच के दौरान आरोपी डीआरडीओ साइंटिस्ट भारत भूषण कटारिया के खिलाफ पुलिस को मिले. सभी सबूत काफी पुख्ता हैं और ये साबित करने में मददगार हैं कि इस बम धमाके को साइंटिस्ट भारत भूषण ने अंजाम दिया था.
खंगाले गए थे सीसीटीवी, कई लोगों से हुई पूछताछ
स्पेशल सेल के नॉर्दन रेंज के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि 9 दिसंबर 2021 को रोहिणी अदालत के अंदर कोर्ट रूम नंबर 102 में बम धमाका किया गया था. अदालत के अंदर हुए बम धमाके के इस मामले ने कई सवालिया निशान खड़े कर दिए थे. मामले की जांच में स्पेशल सेल की नॉर्दन रेंज के डीसीपी समेत 150 पुलिस कर्मी जुटे थे. 150 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की 1000 घंटे की फुटेज खंगाली गयी थी. इतना ही नहीं 1000 से ज्यादा वाहनों को वेरीफाई किया गया. ये वाहन वो थे, जो घटना वाले दिन बम धमाका होने से पहले आये थे और धमाका होने के कुछ समय बाद अदालत से बाहर गए थे. पुलिस ने सैंकड़ों लोगों से पूछताछ की थी. इनमें पुलिस कर्मी, आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोग व वकील भी शामिल थे.
साइंटिस्ट के खिलाफ हैं पुख्ता सबूत
डीसीपी राजीव रंजन का दावा है कि चार्जशीट में भारत भूषण के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए गए हैं. इस पूरे मामले की जांच बेहद ही प्रोफेशनल तरीके से की गई है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की नॉर्दर्न रेंज की टीम ने पेशेवर तरीके से इस केस में इन्वेस्टिगेशन की है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि इस धमाके के पीछे साइंटिस्ट का ही हाथ है, जिसने एक वकील अमित वशिष्ठ के साथ चल रहे संपत्ति विवाद को लेकर इस बम धमाके को अंजाम दिया है. वह अमित वशिष्ठ को मारना चाहता था. उसके इस कृत्य के चलते कोर्ट रूम में मौजूद अन्य लोगों, वकीलों, पुलिस कर्मियों के साथ साथ जज साहब की जान भी खतरे में पड़ गयी थी.
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