कंझावला मामले में सरेंडर करने वाले 7वें आरोपी को मिली जमानत, दिल्ली पुलिस ने की थी सजा की मांग
Delhi Kanjhawala case: दिल्ली के कंझावला-कांड में पकड़े गए आरोपियों में से सातवें अंकुश को कोर्ट ने जमानत दे दी है. उसे 20 हजार के निजी मुचलके पर मिली जमानत.
Kanjhawala Accident Update: दिल्ली के कंझावला-कांड में पुलिस की जांच-पड़ताल जारी है. पुलिस अब तक लड़की को घसीटने वाली कार में सवार 4 आरोपियों समेत कई आरोपियों को पकड़ चुकी है. हालांकि, उन आरोपियों में से सातवें आरोपी अंकुश को दिल्ली की एक कोर्ट ने जमानत दे दी है.
एबीपी न्यूज को पता चला है कि, सातवें आरोपी अंकुश को रोहिणी कोर्ट से 20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई. अंकुश मामले में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि आईपीसी की धारा 201/212 के तहत दोषी को तीन साल की सजा जाती है. हालांकि यह एक जमानती अपराध है.
बता दें कि, आरोपी अंकुश खन्ना ने सुल्तानपुरी थाने में सरेंडर किया था. बताया जा रहा है कि अंकुश को घटना की पूरी कहानी पता थी. वो आरोपी अमित का भाई है.
अंजलि की दोस्त पुलिस की निगरानी में
1 जनवरी की रात की घटना में स्कूटी सवार 2 लड़कियों की एक कार से टक्कर हुई थी, जिसमें अंजलि नाम की लड़की की दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि उसकी दोस्त निधि को हल्की चोटें आई थीं. निधि अब पुलिस की निगरानी में है. उसे किसी सुरक्षित जगह पर रखा गया है.
अंकुश से पहले पुलिस ने आशुतोष नाम के युवक को गिरफ्तार किया था. इस मामले में आशुतोष छठा आरोपी है. पुलिस ने बताया कि आशुतोष ने पुलिस को गलत जानकारी दी थी. आशुतोष पर आरोप है कि उसी ने पांचों आरोपियों को कार दी थी.
इससे पहले मामले में पुलिस ने पहले दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था. सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और कॉल डिटेल के रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस को दो और लोगों-आशुतोष और अंकुश खन्ना की संलिप्तता के बारे में पता चला था, जो आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस की जांच में यह सामने आया कि कार अमित ही चला रहा था, लेकिन उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. इस कारण अंकुश ने ड्राइवर के तौर पर दीपक को प्लांट किया.
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