Delhi Rohini Firing: कौन था गैंगस्टर जितेंद्र गोगी जिसे भरी अदालत में जज के सामने उतारा गया मौत के घाट, जानें सब कुछ
Delhi Rohini Firing: पुलिस के मुताबिक जितेंद्र गोगी 3 बार पुलिस की कस्टडी से फरार हो चुका था. जब तक गोगी गिरफ्तार नहीं हुआ था तब तक वह दिल्ली और हरियाणा पुलिस के लिए एक बड़ा सरदर्द बना हुआ था.
Delhi Rohini Firing: दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में मारा गया गैंगस्टर जितेंद्र गोगी दिल्ली पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में टॉप पर था. गोगी जेल से ही अपना गैंग चलाता था. वो जेल में बैठे बैठे ही रंगदारी, फिरौती के लिए अपहरण करने और हत्या करने का काम कर रहा था. बता दें कि गोगी गैंग और टिल्लू गैंग में अक्सर गैंगवार होती थी, इस गैंगवार में अब तक करीब 20 से ज्यादा बदमाश मारे जा चुके हैं.
गोगी 3 बार पुलिस की कस्टडी से हुआ था फरार
पुलिस के मुताबिक जितेंद्र गोगी 3 बार पुलिस की कस्टडी से फरार हो चुका था. जब तक गोगी गिरफ्तार नहीं हुआ था तब तक वह दिल्ली और हरियाणा पुलिस के लिए एक बड़ा सरदर्द बना हुआ था. जितेंद्र गोगी राजधानी दिल्ली के अलीपुर इलाके का रहने वाला था. पुलिस की मानें तो जितेंद्र गोगी और टिल्लू ताजपुरिया कभी दोस्त हुआ करते थे, लेकिन साल 2010 में श्रद्धानंद कॉलेज के छात्र संघ चुनाव के दौरान दोनों में रंजीश हुई और यह रंजिश गैंगवार में बदल गई. इस खूनी लड़ाई में अब तक करीब 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
जितेंद्र उर्फ गोगी का जन्म साल 1991 में दिल्ली के गांव अलीपुर में हुआ था. उसके पिता मेहर सिंह एक ठेकेदार थे. श्रद्धानंद कॉलेज में पढ़ाई के दौरान गोगी कॉलेज के कुछ छात्र नेताओं के संपर्क में आया और अपने एक साथी को चुनाव में खड़ा कर दिया. दूसरी तरफ एक दूसरा छात्र गैंगस्टर सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया ने भी अपने एक साथी को चुनावी मैदान में उतारा. चुनाव के दौरान ही टिल्लू के साथियों ने गोगी के एक साथी अरुण उर्फ कमांडो की पिटाई कर दी. यहीं से ये रंजिश शुरू हुई. अपने साथी की पिटाई का बदला लेने के लिए गोगी ने अपने बाकी साथियों के साथ मिलकर टिल्लू के साथियों पर गोली चला कर हमला कर दिया.
जेल में जितेंद्र गोगी का एक साथी सुनील मान टिल्लू ताजपुरिया के संपर्क में आया और उनकी करीबियां बढ़ने लगीं. जिसके बाद जेल से निकलने के बाद गोगी और सुनील मान की दुश्मनी बढ़ने लगी. सुनील मान अब टिल्लू के गैंग में शामिल हो गया ये बात गोगी को पसंद नहीं आई.
वहीं, जितेंद्र उर्फ गोगी की दूर की बहन का अफेयर दीपक उर्फ राजू के साथ चल रहा था. दीपक टिल्लू गैंग का सदस्य था. दीपक सबको कहता था कि मैं गोगी का जीजा हूं और इसी बात से गोगी काफी नाराज था. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर दीपक उर्फ राजू की हत्या कर दी. इस पूरे मामले में 4 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी और गोगी भी मार्च 2016 में पकड़ा गया था, लेकिन वो जुलाई के महीने में पुलिस की कस्टडी से फरार हो गया.
दीपक उर्फ राजू की हत्या के से नाराज़ सुनील उर्फ टिल्लू के गिरोह के सदस्यों ने अरूण उर्फ कमांडो जो गोगी का साथी था उसकी हत्या कर दी. उस मामले में पहले सोनू उर्फ दबंग को गिरफ्तार किया गया था और फिर सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया को एक साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
दिल्ली में ये वर्चस्व की लड़ाई काफी पुरानी चलती आ रही है. गैंगस्टर नीतू दाबोदिया साल 2013 में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. इतना ही नहीं नीरज बवानिया जो खुद को दिल्ली का डॉन कहता था वह भी जेल चला गया. नीतू दाबोदिया के मरने और नीरज बवानिया के जेल जाने के बाद गोगी और टिल्लू के बीच जंग तेज हो गई. लगातार दोनों में गैंगवार होने लगी.
दिल्ली पुलिस ने जितेंद्र गोगी पर चार लाख और हरियाणा पुलिस ने दो लाख का इनाम रखा था और उसपर मकोका भी लगाया था. पिछले साल 3 मार्च को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जितेंद्र गोगी समेत उसके तीन गुर्गों को गुड़गांव से गिरफ्तार किया था. स्पेशल सेल की टीम ने जब गोगी को घेर लिया तब एनकाउंटर के डर से उसने खुद को सरेंडर करने का एक वीडियो भी वायरल कर दिया था. गोगी के साथ उसका राइट हैंड कहा जाने वाला शार्प शूटर कुलदीप उर्फ फज्जा, रोहित और कपिल गिरफ्तार हुए थे. पुलिस के डोजियर के मुताबिक गोगी पर 11 मामले दर्ज थे.
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