Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा धीरे-धीरे और जहरीली होती जा रही है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को लगातार पांचवें दिन भी खराब की श्रेणी में ही रहा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पराली जलाये जाने का दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में आठ प्रतिशत योगदान रहा. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी 'सफर' के अनुसार, शनिवार को दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में खेतों में पराली जलाने की 1,734 से अधिक घटनाएं सामने आईं.


पराली जलाये जाने का असर


दिल्ली से सटे राज्यों में पराली जलाए जाने की घटना से राजधानी में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पराली जलाने की वजह से दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में करीब 8 फीसदी का योगदान रहा .केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 289 दर्ज किया गया. शनिवार को एक्यूआई 268 दर्ज किया गया था.


शून्य से 50 के बीच AQI को मानते हैं अच्छा


गौरतलब है कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब', तथा 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. पूर्वानुमान एजेंसी 'सफर' ने कहा कि हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्वी दिशा में बदलने के परिणामस्वरूप अगले दो दिनों के भीतर वायु गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है.


गौरतलब है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) पर उप-समिति ने गुरुवार को दिल्ली और एनसीआर में आने वाले अन्य राज्यों के अधिकारियों को कुछ दिशा निर्देश दिए थे. जीआरएपी के तहत 'खराब' से 'मध्यम' एक्यूआई श्रेणी के तहत सूचीबद्ध कदमों के अलावा 'बहुत खराब' श्रेणी के तहत उपायों को लागू करने का निर्देश दिया गया था. जीआरएपी दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में प्रदूषण रोधी उपायों का एक समूह है, जो स्थिति की गंभीरता के अनुसार अक्टूबर के मध्य में तब लागू होता है, जब क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर बिगड़ना शुरू हो जाता है.


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