नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में शाहीन बाग इलाके में पिछले करीब एक महीने से नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कल इस विरोध प्रदर्शन के दौरान अद्भुत नज़ारा देखने को मिला. यहां हिंदु, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों ने एक साथ बैठकर अपने अपने धर्मों की मान्यताओं के तहत पूजा अर्चना की. इस पूजा का वीडियो सोशल मीडिया पर अब तेजी से वायरल हो रहा है.


नागरिकता संशोधन कानून को संसद से पास हुए करीब एक महीना हो गया है. इस कानून ने विरोध में शाहीन बाग में लगातार शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा है. दिन हो या रात यहां लोग नागरिकता कानून के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं. बीती शाम शाहीन बाग में दस हजार से भी ज्यादा लोगों का जन सैलाब था. सरिता विहार-कालिंदी कुंज रोड पर काफी भीड़ जुटी थी. यहां बड़ी संख्या में लोग शाहीन बाग की महिलाओं को समर्थन देने पहुंचे थे.


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वहीं, कल धरना प्रदर्शन पर बैठे लोगों को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और सुभाष चोपड़ा भी पहुंचे. शशि थरूर शाहीन बाग जाने से पहले जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के बीच पहुंचे. यहां शशि थरूर ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा कि इन छात्रों पर 15 दिसंबर की पुलिस कार्रवाई ‘राष्ट्र पर एक धब्बा है’. यहां से निकलने के बाद शशि थरूर मेट्रो से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय पहुंचे और यहां उन्होंने छात्रों के साथ एकजुटता दिखाई.


जेएनयू पर क्या बोले शशि थरूर?


शशि थरूर ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को भेदभावपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि यह महात्मा गांधी द्वारा दिए गए एकता के आदर्शों के खिलाफ है. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘15 दिसंबर को जो कुछ हुआ वह राष्ट्र पर एक धब्बा है. बगैर किसी उकसावे के, कुलपति को सूचित किए बगैर पुलिस हॉस्टल में घुसी और छात्रों पर हमला किया. लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों पर हमला किया गया. यह शर्मनाक है और कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है.’’


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