नई दिल्ली: दिल्ली में बीते एक हफ्ते में कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. जिसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने कोरोना की टेस्टिंग दोगुनी करने का फैसला लिया था. लेकिन अब इस मुद्दे पर एक बार फिर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार आमने सामने हैं.


दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखा है और गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकारियों पर टेस्टिंग न बढ़ाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है. साथ ही टेस्टिंग बढ़ाने को लेकर किये गए दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप न करने की अपील की है.


गृह सचिव को भेजे पत्र में सत्येंद्र जैन ने लिखा है....


"मैं यह पत्र माननीय गृह मंत्री को लिखना चाहता था लेकिन उनकी तबीयत खराब है और वह एम्स में भर्ती है इसलिए आपको लिख रहा हूं. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना के केस थोड़े बढ़ने लगे हैं. एक जिम्मेदार सरकार होने के नाते दिल्ली सरकार का फर्ज है कि हम उसके ऊपर तुरंत कार्रवाई करें इस को मद्देनजर रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने 26 अगस्त को सुबह 11:00 बजे अपने निवास स्थान पर सभी उच्च अधिकारियों की मीटिंग बुलाई."


"अभी तक दिल्ली में कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए हमारी यह नीति रही है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करके मरीजों को चिन्हित करके उनको आइसोलेट किया जाए. इसी नीति के तहत मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि अभी दिल्ली में जो प्रतिदिन 20,000 टेस्ट हो रहे हैं उनको डबल करके 1 हफ्ते के अंदर 40000 टेस्ट किए जाएं."


"जबसे कोरोना का प्रभाव दिल्ली में आया दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस का सामना कर रही है. लेकिन अभी जब कुछ अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली के अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा है कि दिल्ली में टेस्टिंग और नहीं बढ़ानी है तो मुझे बेहद सदमा लगा."


"सबसे पहले तो मैं इस बात से हतप्रभ हूं की इस तरह दिल्ली सरकार के काम में गृह मंत्रालय द्वारा हस्तक्षेप क्यों किया जा रहा है? दिल्ली में एक चुनी हुई सरकार है और चुनी हुई सरकार सभी निर्णय लेने के लिए सक्षम है. दूसरी बात दिल्ली के अंदर और टेस्टिंग करने से दिल्ली सरकार को क्यों रोका जा रहा है?


पूरी दुनिया के अंदर ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करने को अच्छी नीति माना गया है उसी नीति के तहत अभी तक दिल्ली सरकार कोरोना को नियंत्रित करने में सफल हो पाई है. अगर दिल्ली सरकार अपने टेस्ट 20,000 से 40,000 करना चाहती है तो दिल्ली सरकार को रोका क्यों जा रहा है?


दिल्ली के अफसरों पर इस किस्म का गैर संवैधानिक और गैर कानूनी दबाव क्यों डाला जा रहा है? मैं इस पत्र के साथ दिल्ली के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) का एक नोट संलग्न कर रहा हूं. यह नोट गोपनीय तरीके से मंत्री और मुख्यमंत्री दोनों को नहीं दिखाया गया और हमें बताया गया है कि यह नोट दिल्ली के अधिकारियों ने गृह मंत्रालय के दबाव में बनाया है."


"मेरी आपसे गुजारिश है कि इस तरह का दबाव ना बनाया जाए. दिल्ली सरकार दिल्ली में कोरोना के टेस्ट बढ़ा रही है और केंद्र सरकार को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए."


गौरतलब है कि बुधवार को हुई आपात समीक्षा बैठक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में टेस्टिंग दोगुनी करने का एलान किया था और एक हफ्ते के अंदर टेस्ट की संख्या प्रतिदिन 20 हज़ार से बढ़ाकर 40 हज़ार करने का निर्णय किया था.


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