Delhi SC-ST Welfare Committee: दिल्ली में EWS छात्रों को दाख़िला देने से मना करने वाले स्कूलों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग की गई है. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति (SC/ST Welfare Committee) ने शिक्षा विभाग से EWS छात्रों का प्रवेश लेने से इन्कार करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण समिति ने शिक्षा विभाग से किशोर न्याय अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. एससी/एसटी कल्याण समिति के अध्यक्ष विशेष रवि (Vishesh Ravi) का कहना है कि समिति के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने ईडब्ल्यूएस छात्रों का प्रवेश लेने से इन्कार करने वाले निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.


दिल्ली में कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद भी कुछ प्राइवेट स्कूलों ने ईडब्ल्यूएस छात्रों का प्रवेश नहीं लिया है और स्टेशनरी नहीं दी है. लिहाजा, समिति ने ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायत मिलने पर शिक्षा विभाग से एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है.


किन-किन स्कूलों पर हो सकती है कार्रवाई?


अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण समिति के अध्यक्ष विशेष रवि ने कहा कि हमने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि दिल्ली सरकार की तरफ से निर्धारित नियमों का पालन नहीं करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. दरअसल, अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण समिति के अध्यक्ष विशेष रवि के निर्देश पर जीडी सलवान, सलवान, एसडी पब्लिक, रामजस पब्लिक, जेडी टाइटलर और अन्य निजी स्कूलों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया था. ये वो स्कूल हैं, जिन्होंने EWS कोटे के तहत छात्रों का प्रवेश लेने से इन्कार कर दिया था. ये स्कूल EWS के तहत आने वाले छात्रों को नियमानुसार मुफ्त स्टेशनरी, किताबें और वर्दी नहीं दे रहे थे.


एससी/एसटी कल्याण समिति की बैठक


करोल बाग के विधायक विशेष रवि की अध्यक्षता में एससी/एसटी कल्याण समिति की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में चर्चा का मुख्य विषय यह रहा कि निजी स्कूलों द्वारा ईडब्ल्यूएस/डिजी श्रेणी के छात्रों का प्रवेश, जो शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रस्तावित किए गए थे, उन्हें इन्कार कर दिया गया था और ईडब्ल्यूएस/डीजी श्रेणी के छात्रों को मुफ्त किताबें, यूनिफार्म और स्टेशनरी प्रदान करने से मना कर दिया. पूरी दिल्ली से ऐसे छात्रों के अभिभावकों ने समिति से अपनी शिकायत दर्ज कराई है कि उनके बच्चों को EWS के तहत प्रवेश और मुफ्त स्टेशनरी नहीं मिल रही है.


दिल्ली में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश


अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति की पहली बैठक 30 मई 2022 को हुई थी और समिति के अध्यक्ष विशेष रवि ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी ईडब्ल्यूएस-डीजी छात्रों के लिए प्रवेश सुनिश्चित करें, जिनके नाम ईडब्ल्यूएस ड्रॉ में आए थे और यह भी सुनिश्चित करें कि निजी स्कूल नियमानुसार मुफ्त स्टेशनरी, किताबें और वर्दी सभी छात्रों को उपलब्ध कराएं. समिति के निर्देश के आधार पर शिक्षा विभाग ने जीडी सलवान-पूसा रोड, सलमान-पूसा रोड, एसडी पब्लिक-पटेल नगर और जेडी टाइटलर-न्यू राजिंदर नगर स्कूलों को इस मामले में डिफॉल्टर होने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था.


EWS कोटे के तहत कई स्कूलों ने नहीं लिया दाखिला


अब यह पाया किया गया है कि नोटिस जारी होने के बाद भी कई निजी स्कूलों ने ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश नहीं दिया और कोई मुफ्त स्टेशनरी भी प्रदान नहीं की. समिति के अध्यक्ष विशेष रवि ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ईडब्ल्यूएस प्रवेश से इन्कार करने वाले और नियम के अनुसार ईडब्ल्यूएस बच्चों को मुफ्त किताबें और स्टेशनरी प्रदान नहीं करने वाले सभी निजी स्कूलों के खिलाफ डीएसईएआर अधिनियम 1973 के अनुसार दिए गए कारण बताओ नोटिस के आधार पर सख्त कार्रवाई करें.


किस अधिनियम के तहत कार्रवाई?


समिति के अध्यक्ष विशेष रवि ने सुझाव दिया कि ईडब्ल्यूएस-डीजी श्रेणी के छात्रों (EWS Students) को परेशान करने वाले प्राइवेट स्कूलों के प्रमुखों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत दुर्व्यवहार करने की FIR दर्ज की जाए. समिति के अध्यक्ष विशेष रवि (Vishesh Ravi) ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने निर्देश दिया है कि सभी EWS छात्रों को निजी स्कूलों में नियमानुसार प्रवेश और स्टेशनरी दी जाए. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, हमने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि सरकार की तरफ से निर्धारित नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.


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