दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड पहली बार 10वीं, 12वीं परिक्षाओं की घोषणा करेगा, शिक्षा मंत्री आतिशी ने पूछा- बीजेपी में हिम्मत है?
Atishi On DSEB: दिल्ली शिक्षा मंत्री आतिशी ने दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड के पहली बार बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित करने को लेकर खुशी जाहिर की है.
Atishi On Delhi School Education Board: दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड (डीबीएसई) पहली बार आज (15 मई) को अपने 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित करेगा. शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसको लेकर खुशी जाहिर की और भारतीय जनता पार्टी पर कड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा, इनमें हिम्मत है कि अपने सभी बच्चों को सीबीएसई बोर्ड के ज़रिए एग्जाम दिलाएं?
आतिशी ने कहा, आज भारत की शिक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा दिन है. दिल्ली शिक्षा बोर्ड अपना पहला 10वीं और 12वीं का रिज़ल्ट घोषित करेगा. विकसित देशों का इतिहास देखें तो इन्होंने पिछले 50-100 साल में अपने बच्चों को वर्ल्ड शिक्षा दी है इसलिए ये विकसित देश बन पाये है. आतिशी बोली, दिल्ली सरकार के बजट का 25% बजट हर साल शिक्षा को दिया जाता है. पिछले 5 साल से सीबीएसई बोर्ड में सरकारी स्कूलों के बच्चों का रिज़ल्ट प्राइवेट स्कूल के बच्चों से काफ़ी बेहतर आ रहा है. उन्होंने दावा कर कहा, इस साल भी दिल्ली के सरकारी स्कूलों का रिज़ल्ट सीबीएसई के नेशनल एवरेज और देशभर के प्राइवेट स्कूलों से बेहतर है.
पन्ना भरने के आधार पर नंबर नहीं दिया जाता- आतिशी
आतिशी आगे बोलीं, भारतीय शिक्षा व्यवस्था में अब तक एग्ज़ाम का मतलब रट्टा मारकर नंबर लेना रहा है. अगर हमें भारत को दुनिया जा नंबर वन देश बनाना है तो बच्चों को टेक्स्टबुक के अलावा बहुत कुछ आना ज़रूरी है. इन्हीं सब के लिए 2021 में दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन की शुरुआत हुई थी. वर्ल्ड का जो सबसे बेहतर बोर्ड है, IB उसके साथ हमने कोलबोरेट किया. हमारे 20 स्कूल दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन से जुड़े हैं. अगले सत्र में पचास स्कूलों को जोड़ेंगे और प्राइवेट स्कूलों को भी.
उन्होंने बताया, इस साल बोर्ड के अन्तर्गत 1594 बच्चों ने 10वीं के लिए और 672 बच्चे 12वीं के लिए एग्ज़ाम दिया. ये बोर्ड बाक़ी से बहुत अलग है. अन्य बोर्ड में सिर्फ़ एक फ़ाइनल एग्ज़ाम होते हैं लेकिन हमारे बोर्ड में दो टर्म एग्ज़ाम होते हैं. दोनों के रिज़ल्ट साल के अंत में आते हैं. पूरे एक साल का असेसमेंट भी रिज़ल्ट में शामिल किया जाता है. ये एग्ज़ाम रोट लर्निंग के आधार पर नहीं होता बल्कि क्रैटेरिया के आधार पर होता है. अलग-अलग विषयों के लिए अलग-अलग क्रैटेरिया है. यहां पन्ना भरने के आधार पर नंबर नहीं दिया जाता. एनालिसिस के आधार पर बच्चों से जवाब मांगे जाते हैं जो बच्चों को रिपोर्ट कार्ड मिलेगा वो ग्रेड लेवल के आधार पर होगा.
- 10वीं में चार स्ट्रीम थे. इस बार कुल 1582 बच्चों ने दोनों एग्ज़ाम दिए. इनमें से 776 ने हाइएस्ट ग्रेड, 6वीं और 7वीं ग्रेड को अचीव किया है. 8 बच्चे क्वालिफ़ाइंग ग्रेड तक नहीं पहुंच सके इनके लिए अलग से एग्ज़ाम होगा.
- 12वीं में 668 बच्चों ने दोनों एग्ज़ाम दिए. इनमें से 299 ने 6वीं और 7वीं ग्रेड को अचीव किया है. 3 बच्चे क्वालिफ़ाइंग ग्रेड तक नहीं पहुंच सके इनके लिए अलग से एग्ज़ाम होगा.
बीजेपी में हिम्मत है?
दिल्ली सरकार के स्कूलों के रिज़ल्ट को लेकर बीजेपी द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर आतिशी ने कहा, क्या उनमें या उनके किसी राज्य सरकार में हिम्मत है कि अपने सभी बच्चों को सीबीएसई बोर्ड के ज़रिए एग्जाम दिलाएं? CBSE के 90 फ़ीसदी स्कूल प्राइवेट स्कूल हैं लेकिन दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों के अलावा सिर्फ़ केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय ही सरकारी स्कूल हैं जो सीबीएसई से एफ़िलिएट हैं. आज दिल्ली के सरकारी स्कूल देशभर के प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर नतीजा लाए हैं. शायद वीरेंद्र सचदेवा को डाटा देखना नहीं आता वो चाहें तो हमारे स्कूल में एडमिशन लेकर इसका ट्रेनिंग ले सकते हैं.
दिल्ली सरकार के अधिकारियों की क्या स्थिति है?
एबीपी न्यूज़ ने आतिशी से सवाल करते हुए पूछा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले के बाद दिल्ली सरकार के अधिकारियों की क्या स्थिति है? जिसके जवाब में उन्होंने कहा, कुछ अधिकारी जो काम पर नहीं आ रहे हैं उन पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा. उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा लेकिन ये स्थिति कम ही अधिकारियों की है. काफी सारे विभाग बल्कि मैं तो कहूंगी तकरीबन सारे विभाग जो दिल्ली सरकार के हैं पूरी क्षमता और बेहतर क्षमता के साथ और सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के आदेश का पालन करते हुए अब अपना पूरा काम कर रहे हैं. जो अधिकारी हैं जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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