नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में के अभिभावकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी है. ये फैसला उन स्कूलों पर लागू होगा जो सरकार से मिली ज़मीन पर बने हैं.


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. बिना सरकार की मंजूरी के निजी स्कूल अब फीस नहीं बढ़ा सकेंगे.

हाई कोर्ट ने दिया था आदेश

पिछले साल 19 जनवरी को दिए फैसले में हाई कोर्ट ने कहा था, "सरकार से मिली ज़मीन पर बने स्कूल अपनी मर्ज़ी से फीस नहीं बढ़ा सकते. ऐसे स्कूल दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 1973 की धारा 17(3) से बंधे हैं. अगर वो फीस में ऐसा इज़ाफ़ा करते हैं जो गलत है तो दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय उसे रद्द कर सकता है."

स्कूल या तो नियम मानें या सरकारी ज़मीन छोड़ दें

इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे निजी स्कूलों को आज तगड़ा झटका लगा. चीफ जस्टिस जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने उनकी याचिका को सुनने से इंकार कर दिया. चीफ जस्टिस ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा, "स्कूल या तो नियम मानें या सरकारी ज़मीन छोड़ दें."

गौरतलब है कि दिल्ली में लगभग 400 पब्लिक स्कूल हैं जो डीडीए से मिली ज़मीन पर बने हैं. इस फैसले को अभिभावकों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है.

मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं अभिभावक

इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जो अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन भी होते रहे हैं.