नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सीलिंग पर सियासत जारी है. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक दूसरे पर आरोप मढ़ रही है. वहीं कांग्रेस व्यापारियों को हो रही मुश्किलों पर कोई समाधान नहीं निकालने को लेकर बीजेपी-आप पर सवाल उठा रही है. इस बीच कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के आह्वान पर दिल्ली में व्यापारियों का बंद जारी है. प्रमुख मार्केट में दुकानों पर ताला लगा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिल्ली पुलिस सीलिंग ड्राइव चला रही है. जिसका व्यापारी विरोध कर रहे हैं. इन्हें भरपूर राजनीतिक समर्थन मिल रहा है.


क्या है सीलिंग?
सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त निगरानी समिति (मॉनिटरिंग कमेटी) ने कंवर्जन शुल्क दिए बिना रिहाइशी संपत्तियों का इस्तेमाल करनेवाले दुकानों, रेस्टोरेंट आदि को बंद करने के लिए आदेश दिया है. दुकानों पर ताला दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पुलिस की मदद से लगा रही है. एमसीडी में बीजेपी है. ऐसे में कांग्रेस और आप एमसीडी के रवैये पर सवाल उठा रही है.


दिल्ली में बढ़ते अवैध निर्माण के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. शीर्ष अदालत ने 2006 में अवैध निर्माण को हटाने के लिए सीलिंग के आदेश दिये. ऐसे में दुकानों और कमर्शियल प्रॉपर्टी को बचाने के लिए सरकार ने कन्वर्जन चार्ज का प्रावधान किया. हालांकि दुकानों और कमर्शियल प्रॉपर्टी के ज्यादातर मालिकों पर आरोप है कि उन्होंने फीस अदा नहीं की. यह मामला फिर सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा जहां अदालत ने सीलिंग के लिए मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया. इस कमेटी की निगरानी में सीलिंग हो रही है.


पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने 'दिल्ली मास्टर प्लान 2021' में संशोधन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा था, ''यह अवमानना है. एमसीडी और डीडीए की दादागीरी बंद होनी चाहिए. आप अदालत को यह नहीं बता सकते कि आप आदेशों का पालन कर रहे हैं, लेकिन वहीं करेंगे जो आप चाहेंगे."


'दिल्ली मास्टर प्लान 2021' में संशोधन कर राजधानी में सीलिंग ड्राइव से व्यापारियों को राहत देने की बात कही गई थी.


क्यों 'आप' बीजेपी पर उठा रही है सवाल
आम आदमी पार्टी ने सीलिंग के मुद्दे पर सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बहिष्कार किया है. कांग्रेस बैठक में शामिल हुई है. ध्यान रहे की 30 जनवरी को केजरीवाल सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में शामिल हुई बीजेपी ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा था, "बैठक में 150 से ज्यादा आप समर्थक थे. हम एक बंद कमरे में बैठक चाहते थे. उन्होंने हमारी महिला महापौरों और हमारे विधायक विजेंदर गुप्ता के साथ दुर्व्यवहार किया और बैठक को बाधित किया. यह अत्यधिक निंदनीय है."


आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी एमसीडी में है वह सीलिंग रोकने के लिए कदम उठा सकती है. आप का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट में सीलिंग पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकीलों को नहीं रखा गया. केंद्र में बीजेपी सत्तारूढ़ है उसे सीलिंग पर रोक के लिए अध्यादेश लाना चाहिए. दिल्ली की केजरीवाल सरकार सीलिंग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर चुकी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट सीलिंग पर रोक से इनकार कर चुका है.


आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में सीलिंग रोकने के लिए सोमवार को एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया है. उन्होंने राजधानी में सीलिंग रोकने के लिए सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होने का आग्रह किया. सिंह ने कहा कि सीलिंग से व्यापारियों और उनके परिजनों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. उन्होंने आरोप लगाया कि सीलिंग के नाम पर व्यापारियों को पीटा जा रहा है.


आपको बता दें कि दिल्ली के लाजपत नगर में हुई सीलिंग के दौरान व्यापारियों और पुलिस में झड़प हुई है. घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दिल्ली में जगह-जगह प्रदर्शन और जनसभाएं कर बीजेपी पर सीलिंग रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाने का आरोप लगा रही है. वहीं बीजेपी ने दोनों दलों पर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया है.