पश्चिम विहार वेस्ट इलाके में 12 साल की लड़की के साथ हुई दरिंदगी के मामले में दिल्ली पुलिस ने सफलता हासिल की है. पुलिस अब भी ऑन रिकॉर्ड बच्ची के साथ सेक्सुअल असाल्ट किये जाने की बात से बच रही है. डीसीपी आउटर ए कॉन ने एबीपी न्यूज़ को वाट्सएप मैसेज पर कहा कि इस मामले में पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 8 लगाया गया है और फाइनल मेडिकल रिपोर्ट में जो भी आएगा उसके अनुसार जरूर धारा ऐड कर दी जाएंगी.


दिल्ली पुलिस का दावा है कि पुलिस ने इस वारदात को अंजाम देने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया है, जिसका नाम कृष्ण है, जो मंगोलपुरी का रहने वाला है. पुलिस का कहना है कि वह एक चोर है और चोरी की नियत से ही उस घर में घुसा था, जहां लड़की अपने परिजनों के साथ बतौर किराएदार रहती है. कृष्ण उस समय शराब के नशे में था. वह चोरी करना चाह रहा था, लेकिन लड़की ने उसे देख लिया और शोर मचाने लगी. इसी बात पर कृष्ण ने कमरे के अंदर रखी सिलाई मशीन से लड़की के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया. इतना ही नहीं लड़की पर कैंची से भी कई वार किए और उस कमरे से बाहर निकल कर फरार हो गया. पुलिस को अपराधी तक पहुंचने में जिस चीज से सबसे ज्यादा मदद मिली वह सीसीटीवी फुटेज है.


बच्ची के ऊपर सिलाई मशीन और कैंची से किए गए वार


दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि आरोपी किशन ने बच्ची के ऊपर घर में रखे सिलाई मशीन और कैची से वार किए थे. पुलिस का कहना है कि सिलाई मशीन भारी होती है और कृष्ण ने मशीन से बच्ची के सिर पर कई वार किये. इतना ही नहीं मशीन का जो निचला हिस्सा होता है, उसमें कुछ नुकीली चीज भी बाहर निकली होती है. उस हिस्से को लड़की के पेट आदि पर भी कई बार मारा. इसके अलावा कैची से भी बच्ची के शरीर पर वार किए गए. जिसकी वजह से बच्ची के इतनी गंभीर चोट लगी है.


बच्ची को मरा हुआ समझ कमरे का दरवाजा बंद कर फरार हो गया था


जिस घर में बच्ची बतौर किराएदार रहती है. वहां के मकान मालिक से जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि यह वारदात 4 तारीख की शाम की है. लड़की बुरी तरह घायल अवस्था में अपने कमरे से बाहर आई और रेलिंग का सहारा लेकर वह छज्जे पर आकर खड़ी हो गई. एक अन्य कमरे में 60 साल की एक महिला रहती हैं. बच्ची ने उनसे मदद मांगी. कहा मुझे बचा लो. महिला को लगा शायद वह छत से नीचे गिर गई है और उसके सर में चोट लगी है. आस पड़ोस के लोग भी आ गए और उसे तुरंत ही नजदीक के डॉक्टर के पास ले गए. बच्ची की हालत को देखते हुए डॉक्टर ने तुरंत ही उसे बड़े अस्पताल ले जाने के लिए कहा. जिसके बाद बच्ची को संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया. जहां से बाद में फिर उसे एम्स रेफर कर दिया गया. लोगों का कहना है कि वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी बच्ची को मरा हुआ समझकर उसे कमरे के अंदर ही छोड़ दरवाजा बन्द कर फरार हो गया था.जाते हुए उसने दरवाजे का कुंडा नहीं लगाया था.


कृष्ण पर पहले से दर्ज हैं चार मामले


वेस्टर्न रेंज की जॉइंट कमिश्नर शालिनी सिंह ने बताया कि कृष्ण पर 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं. एक मामला वर्ष 2006 का है, जिसमें वह चोरी के इरादे से एक घर में घुसा था और जब उसका विरोध किया गया तो उसने एक शख्स को मौत के घाट उतार दिया था. इसके अलावा एक मामला हत्या के प्रयास का है, जबकि दो चोरी के मामले दर्ज है. इस बार भी कृष्ण चोरी के इरादे से ही बच्ची के कमरे में घुसा था, लेकिन जब बच्ची ने उसे चोरी करते हुए देखा और शोर मचाया तो उसने बच्ची पर भी हमला कर दिया.


मंगोलपुरी के ठेके से शराब खरीदी थी जिसे पीने के बाद चोरी करने निकला था दर्शन


पुलिस का कहना है कि अब तक हुई पूछताछ में है कृष्ण ने खुलासा किया है कि 4 तारीख की दोपहर को वह मंगोलपुरी में अपने घर से बाहर निकला. पहले उसने मंगोलपुरी स्थित एक शराब के ठेके से एक हाफ खरीदा, फिर उसे पिया और नशे में धुत होने के बाद वह चोरी करने के लिए चल दिया. रेलवे लाइन पार कर कर वह पश्चिम विहार वेस्ट थाना इलाके में आ गया और यहां पर उस घर में दाखिल हुआ, जिसमें बच्ची बतौर किराएदार रहती है. बच्ची का कमरा सेकंड फ्लोर पर है.


कई कमरे खाली हो चुके हैं


पुलिस का कहना है कि जिस घर में बच्ची व उसका परिवार बतौर किराएदार रहते हैं, वहां पर हर फ्लोर पर अलग-अलग कमरों में कई लोग किराएदार के तौर पर रहते हैं, लेकिन लॉकडाउन के बाद से अधिकतर कमरे खाली हो चुके हैं.जिसकी वजह से वे कमरे बंद पड़े हैं. बच्ची के माता-पिता फैक्ट्री में नौकरी करते हैं और बहन भी एक अन्य फैक्ट्री में नौकरी करती है. बच्ची अकेली ही होती है क्योंकि वह आठवीं क्लास की छात्रा है और इन दिनों स्कूल बंद चल रहे हैं.


वारदात के लिए जब आया था तो चेहरे पर था रुमाल लेकिन जब फरार हुआ तो रुमाल गायब था


पुलिस का कहना है कि कृष्ण जब वारदात को अंजाम देने के इरादे से आया था तो उसने चेहरे पर रुमाल मास्क के तौर पर बांधा हुआ था, लेकिन जब वह वारदात को अंजाम देकर यहां से भागा तो रुमाल उसके चेहरे पर नहीं था. इसकी वजह उसके और बच्ची के बीच हुए संघर्ष को बताई जा रही है.पुलिस को कमरे से रुमाल भी मिला है, जो वहीं गिर गया था.


100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए


दिल्ली पुलिस का दावा है कि आरोपी तक पहुंचने के लिए दिल्ली पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. लगभग 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसमें से लगभग 4 फुटेज ऐसे मिले जिसमें आरोपी दिखा. जो फुटेज आरोपी के घर के अंदर जाते हुए देख रहे हैं, उसमें वह चेहरे पर रुमाल लपेटे हुए दिख रहा था. जबकि बाहर निकलते हुए उसके चेहरे पर रुमाल नहीं था. उसी ग्रैब से दिल्ली पुलिस को काफी मदद मिली और पुलिस ने उस ग्रैब को प्रिंट आउट में तब्दील करवा कर उसकी पहचान शुरू की. इस क्रम में पुलिस ने आसपास के सभी इलाकों में उस फोटो को दिखाया. आसपास की फैक्ट्रियां हैं, वहां काम करने वाले लोगों के बारे में पता लगाया गया. उन्हें इस ग्रैब को दिखाया गया. आपराधिक रिकॉर्ड से भी उस ग्रैब का मिलान किया गया. अवरागर्दो व अन्य आपराधिक तत्वों को भी सीसीटीवी ग्रैब दिखाया गया. इसके बाद पुलिस को यह मालूम हुआ कि आरोपी मंगोलपुरी का रहने वाला है.


20 से ज्यादा पुलिस टीम जुटी थी तफ्तीश में


जॉइंट सीपी शालिनी सिंह का कहना है कि इस मामले को सुलझाने के लिए डीसीपी आउटर ए कॉन की देखरेख में 20 से ज्यादा टीमों का गठन किया था. 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज के साथ सैकड़ों संदिग्धों से भी पूछताछ की गई.


दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए - स्वाति मालीवाल


दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दावा किया है कि बच्ची के साथ सेक्सुअल एसॉल्ट किया गया है उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए जो रेप जैसी बात पर पर्दा डालने में जुटी हुई है स्वाति मालीवाल ने कहा कि वह कल जब एम्स पहुंचे और उन्होंने बच्ची की हालत जान को देखकर दंग रह गई क्योंकि बच्ची के शरीर पर बहुत बुरी तरीके से हमला किया गया था उसके गुप्तांगों को चोट पहुंचाई गई है और उसके प्राइवेट पार्ट्स पर हाथ से काटने के निशान है.
बच्ची के शरीर पर प्राइवेट पार्ट पर दांत से काटने के निशान बच्ची के गुप्तांगों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किया गया है इतना होने के बावजूद पुलिस कोई है मामला सेक्सुअल एसॉल्ट का क्यों नहीं लग रहा? बच्ची आज जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है उसके शरीर पर बेहद गंभीर गांव है और जो बार-बार यह कह रहे हैं कि उसके साथ बर्बरता की गई है इतना सब होने के बावजूद दिल्ली पुलिस यदि लापरवाह और ए मानवीय रवैया दिखा रही है.


वहीं अगर दिल्ली पुलिस की बात करें तो पुलिस सेक्सुअल असाल्ट की बात से परहेज कर रही है. जॉइंट सीपी शालिनी सिंह ने अपने बयान में केवल असॉल्ट शब्द का इस्तेमाल किया. पुलिस ऑन कैमरा कुछ नहीं बोल रही जबकि ऑफ कैमरा कह रही है कि बच्ची की एमएलसी में डॉक्टरों ने सेक्सुअल असाल्ट जैसी कोई बात नहीं लिखी.


एमएलसी में बच्ची ब्रैस्ट पर दांत काटने का है जिक्र


अगर हम बच्ची के एमएलसी(मेडिको लीगल सर्टिफिकेट) की बात करें तो संजय गांधी अस्पताल में की गई एमएलसी में इस बात का जिक्र है कि बच्ची के बाएं ब्रेस्ट पर दांत से काटने का निशान है जो सेक्सुअल एसॉल्ट की श्रेणी में ही आता है इसके बावजूद दिल्ली पुलिस सेक्सुअल एसॉल्ट की बात का अब तक जिक्र नहीं कर रही है. एबीपी न्यूज़ के पास इस एमएलसी की कॉपी है.


डीसीपी और जॉइंट सीपी को लगातार कॉल और मैसेज कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन नहीं मिला कोई जवाब


इस विषय में वेस्टर्न रेंज की ज्वाइंट कमिश्नर पुलिस शालिनी सिंह और आउटर डिस्ट्रिक्ट डीसीपी ए कॉन को लगातार कॉल करके और एसएमएस व्हाट्सएप मैसेज करके इस विषय पर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, जिसके बाद डीसीपी आउटर ने वाट्स एप पर मैसेज भेज कर कहा कि इस मामले में पॉक्सो एक्ट की धारा 8 लगाई गई है और आने वाले समय में जो भी फाइनल मेडिकल रिपोर्ट आएगी उसके अनुसार उचित धारा जोड़ दी जाएंगी. वहीं जॉइंट सीपी ने पोक्सो एक्ट के हवाला देते हुए जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया.


क्या है पोक्सो एक्ट के सेक्शन 8


पोक्सो एक्ट के सेक्शन 8 में कहा गया है कि अगर किसी बच्चे के साथ सेक्सुअल असॉल्ट या छेड़छाड़ होती है तो ऐसे में अपराधी को कम से 3 साल व अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान है या फाइन या सजा और फाइन दोनों.