राष्ट्रपति भवन में बैरेक के अंदर सुरक्षाकर्मी का फांसी से लटका मिला शव, काफी दिनों से चल रहा था बीमार
तेज बहादुर थापा के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. लेकिन शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि तेज बहादुर थापा कमर दर्द और नसों में ब्लॉकेज की बीमारी से काफी समय से परेशान चल रहे थे.
दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में सुरक्षाकर्मियों की बैरक में सेना के एक जवान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. मृतक जवान तेज बहादुर थापा गोरखा राइफल्स का जवान था. बुधवार सुबह करीब 4 बजे तेज बहादुर के साथी डयूटी से वापिस बैरेक लोटे तो उसे पंखे से लटका पाया. थापा ने रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या की थी. थापा के साथियों ने तुरंत रस्सी काटकर उसे नीचे उतारा और फिर दिल्ली कैंट स्थित बेस हॉस्पिटल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.
काफी दिनों से बीमार चल रहा था जवान दिल्ली पुलिस अधिकारियों के मुताबिक तेज बहादुर थापा के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. लेकिन शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि तेज बहादुर थापा कमर दर्द और नसों में ब्लॉकेज की बीमारी से काफी समय से परेशान चल रहे थे. फिलहाल पुलिस थापा के साथियों से पूछताछ कर उनके बयान ले रही है कि आखिरकार किन परिस्थितियों में थापा की लाश मिली.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिवार के लोगों से पूछताछ के बाद ही साफ होगा मामला. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक जांच में इस मामले में किसी तरह के फाउल प्ले की बात सामने नहीं आई है. लेकिन थापा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिवार के बयान से ही यह बात साफ हो पाएगी कि आखिरकार तेज बहादुर थापा किन वजह से परेशान चल रहा था .क्या वाकई में बीमारी के चलते उसने यह कदम उठाया या फिर इसके पीछे कोई और वजह है. दिल्ली से वरुण जैन की रिपोर्ट.
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