Farmers Protest: दिल्ली में आज संसद भवन के करीब होगा किसानों का प्रदर्शन, छावनी में तब्दील हुआ इलाका
26 जनवरी को हिंसा के बाद पहली बार है जब किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दी गई है. अब सवाल यही है कि क्या किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्वक होगा. क्या आने वाले दिनों में भी किसान संयम बनाए रखेंगे?
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नई दिल्ली: कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर बीते आठ महीनों से आंदोलन कर रहे किसान संगठन आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान अब हर रोज जंतर-मंतर पर जुटेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे 'किसान संसद' का नाम दिया है. संसद के मानसून सत्र के बीच तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर किसानों के विरोध को देखते हुए सिंघू बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि 200 किसानों का एक समूह पुलिस की सुरक्षा के साथ बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर आएगा. वहां सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेंगे. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को इस बारे में एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है कि सभी कोविड नियमों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा.
कोरोना नियमों का करना होगा पालन
किसानों को प्रदर्शन के लिए दिल्ली पुलिस ने कोई लिखित इजाजत नहीं दी है. हालांकि दिल्ली सरकार से उन्हें धरना-प्रदर्शन की औपचारिक इजाजत मिली है. इस आदेश के मुताबिक आज से लेकर 9 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक 200 प्रदर्शनकारी धरना दे सकते हैं. धरने में शामिल सभी किसानों को कोरोना नियमों का पालन करना होगा.
दिल्ली में इस समय आपदा प्रबंधन कानून लागू है, जिसके चलते कहीं भी कोई जमावड़ा नहीं हो सकता. लेकिन किसानों के आंदोलन के लिए दिल्ली सरकार ने दिशानिर्देशों में संशोधन किया और इजाजत दी. इसी साल 26 जनवरी को पूरे देश ने दिल्ली में हुए तांडव को देखा था. हजारों प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिये थे, पुलिस से भिड़ गए थे और लाल किले की प्राचीर पर एक धार्मिक ध्वज फहराया था. अब आज एक बार फिर किसानों और दिल्ली पुलिस की अग्निपरीक्षा है.
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