नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने सर्वर ठप रहने के कारण सेमेस्टर पंजीकरण प्रक्रिया की तारीख रविवार तक बढ़ा दी है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने एक बयान में कहा कि कुछ, “शरारती तत्वों” ने “अपना आंदोलन जारी रखने के तहत” विश्वविद्यालय के सूचना एवं संचार सेवा (सीआईएस) को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है.


उन्होंने बताया कि इसके चलते सीआईएस डेटा सेंटर तक आपूर्ति पूरी तरह बाधित है, ऑप्टिक फाइबर केबलों और सभी रेक की बिजली की तारों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है.


कुमार ने बताया, “जेएनयू क्लाउड और अन्य सूचना एवं संचार प्रणाली पूरी तरह ठप पड़ गई है.”


जेएनयू मामले पर आज दिल्ली पुलिस ने कहा कि क्राइम ब्रांच को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और उस पर काम हो रहा है. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि ये केस अब क्राइम ब्रांच के पास है. दिल्ली पुलिस ज्वाइंट सीपी वेसर्टन रेंज शालिनी सिंह फैक्ट फाइंट कमेटी की हेड हैं. कोड वर्ड और जो वीडियो क्लिप मिले हैं उनपर जांच चल रही है.


रंधावा ने कहा कि जेएनयू मामले में एफआईआर दर्ज कर दिया गया है. जांच जारी है. फुटेज को इकट्ठा किया गया है. कुल 34 लोग कल घायल हुए थे और सभी को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आम तौर पर, पुलिस की तैनाती केवल एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक में होती है और हाथापाई उससे दूर हुई. सात बजकर 45 मिनट के करीब हमें जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से आग्रह किया गया. तब हमलोग यूनिवर्सिटी के अंदर घुसे और फ्लैग मार्च किया.


इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि तथ्यों की खोज और जांच में किसी भी देरी से बचने के लिए ज्वाइंट कमिश्नर के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई है. हमें कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और हम कोशिश कर रहे हैं कि मामला जल्द सुलझ जाए. पुलि ने कहा कि कैंपस के भीतर की सुरक्षा का जिम्मा जेएनयू प्रशासन के पास है. जेएनयू में देर से पहुंचने के आरोपों पर कहा कि उन्होंने पीसीआर कॉल पर कार्रवाई की और कानून व्यवस्था को पेशेवर ढंग से बरकरार रखा. कल 5 बजे के करीब दिल्ली पुलिस को जेएनयू में झगड़े की कॉल मिली थी. पहले से दो ग्रुप्स में झगड़ा चल रहा था. इस कॉल में बताया गया था कि होस्टल के बाहर कुछ स्टूडेंट्स झगड़ रहे हैं.


रंधावा ने ये भी बताया कि लोकल पुलिस और क्राइम ब्रांच ने आज मौके का भी मुआयना किया है. कैसे बाहर के लोग अंदर गए, इसकी जांच हो रही है. इससे जुड़ा मेटीरियल भी सीज हुआ है. पुलिस को कॉल मिलते ही वह मौके पर पहुंची.



मेरे समय जेएनयू में कोई 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग नहीं था- एस जयशंकर


दिल्ली में हल्की बारिश से बदला मौसम का मिजाज, लुढ़क सकता है पारा