Delhi Ordinace Bill: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज (7 अगस्त) राज्यसभा में दिल्ली अध्यादेश पेश करेंगे. इस बिल का विरोध कर रही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सोमवार को अपने सदस्यों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है. इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने बिल पर पार्टी से अलग रुख अपनाए हुए हैं. एक बार फिर उन्होंने विधेयक के विरोध को गलत बताया है. ये बिल लोकसभा में पास हो चुका है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक संदीप दीक्षित ने कहा है कि ये स्पष्ट था कि बिल लोकसभा में पास होगा, क्योंकि सरकार के पास वहां बहुमत है. हालांकि, राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है, लेकिन जब ये बिल वहां पेश होगा और लोकसभा की तरह ही अगर कुछ पार्टियां इसका समर्थन करती हैं, तो ये पास हो जाएगा. उन्होंने कहा, 'मेरी राय में इस बिल का विरोध करना गलत है.'
'आप' कर रही बिल का विरोध
इसके पहले 3 अगस्त को दिल्ली सर्विस बिल लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ था. उस समय 'इंडिया' गठबंधन के सदस्यों ने विरोध में सदन से वॉकआउट किया था. दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी इस बिल का जोरदार विरोध कर रही है. अरविंद केजरीवाल ने इस बिल के विरोध पर समर्थन के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर बीजेपी विरोधी पार्टियों से मुलाकात की थी. 'आप' ने कांग्रेस को भी बिल के विरोध के लिए राजी कर लिया था.
'केजरीवाल ने गठबंधन को मूर्ख बनाया'
संदीप दीक्षित ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि वे खुद फंस गए हैं. उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी कौन होती है किसी पर निशाना लगाने वाली, वे खुद फंसे हुए हैं. उन्हें ये तक नहीं मालूम कि उनके बड़े पार्टी नेता जेल में होंगे या जेल के बाहर. उन्हें अपनी चिंता करनी चाहिए. कांग्रेस पार्टी उनके साथ केवल इस बिल के लिए है.
संदीप दीक्षित ने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के मूर्ख बनाया है. कांग्रेस नेता ने कहा, "अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से दिल्ली के लोगों को बेवकूफ बनाया है, अब व गठबंधन के सदस्यों और पूरे देश को बेवकूफ बना रहे हैं."
राज्यसभा में कठिन होगी लड़ाई
लोकसभा में बहुमत के चलते सरकार ने दिल्ली सर्विस बिल आसानी से पास करा लिया लेकिन राज्यसभा में ये इतना आसान नहीं होने वाला है. आम आदमी पार्टी इस बिल का जोरदार विरोध कर रही है. साथ ही उसने इंडिया गठबंधन के सदस्यों को भी बिल का विरोध करने पर मना लिया है. उच्च सदन में इस समय 238 सांसद हैं. ऐसे में बिल को पास करने के लिए 119 सदस्यों की जरूरत होगी. वर्तमान में बीजेपी के पास 92 सांसद हैं. एनडीए के सहयोगी दलों को मिलाकर यह संख्या 103 हो जाती है. पांच मनोनीत सांसद भी हैं. मनोनीत सांसद सामान्यतया सरकार के समर्थन में ही होते हैं. वहीं, विपक्ष के 'इंडिया' गठबंधन के दलों के सांसदों की संख्या 109 है.
राज्यसभा में जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस और नवीन पटनायक की बीजेडी के 9-9 सांसद हैं. ये दोनों पार्टियां सरकार का समर्थन कर सकती हैं. इसके साथ ही दो निर्दलीय सांसद भी हैं, जिनका समर्थन मिल सकता है.
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