Reactions On Delhi Services Bill: गृह मंत्री अमित शाह आज (7 अगस्त) राज्यसभा में 'दिल्ली सेवा बिल' पेश करेंगे. ये बिल होने से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय की प्रतिक्रिया आई है. गोपाल राय ने कहा है कि जो पार्टियां देश के संविधान और लोकतंत्र से प्यार करती हैं वो इस विधेयक का विरोध करेंगी.


न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में रविवार (6 अगस्त) को 'आप' नेता गोपाल राय ने कहा, ''दिल्ली के अधिकारों को जबरदस्ती छीनने के लिए केंद्र सरकार जो बिल राज्यसभा में लेकर आ रही है, सबको इंतजार है. देश के अंदर सभी पार्टियां जो देश के संविधान से, देश के लोकतंत्र से मोहब्बत करती हैं, सभी पार्टियां मिलकर एकजुट होकर राज्यसभा के अंदर इस बिल का विरोध करेंगी और इस लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपनी आवाज को बुलंद करेंगी.'' 


'जो भी परिणाम आएगा, पार्टी समीक्षा करके फैसला लेगी'


दिल्ली में सेवाओं से जुड़े इस बिल का नाम 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023' है. यह विधेयक गुरुवार (3 अगस्त) को लोकसभा में पारित हो चुका है. विधेयक के बारे में बात करते हुए गोपाल राय ने यह भी कहा कि कुछ भी हो सकता है, जो भी परिणाम आएगा, उसके बाद उनकी पार्टी बैठकर उसकी समीक्षा करेगी और आगे की रणनीति पर फैसला लेगी.






बीजेपी सांसद प्रवेश सिंह साहिब ने साधा अरविंद केजरीवाल पर निशाना


इस विधेयक के मुद्दे पर बीजेपी सांसद प्रवेश सिंह साहिब ने रविवार को कहा, ''मैं अरविंद केजरीवाल से कहना चाहता हूं कि जब वो चुनाव लड़े तो उनको अच्छे से पता था कि दिल्ली को एक राज्य का अपना दर्जा प्राप्त नहीं है, दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है. बार-बार अरविंद केजरीवाल का ये कहना कि मुझे ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार देना चाहिए तो ये अधिकार न आज से 20 साल पहले किसी, कोई अगर हमारा भी मुख्यमंत्री रहा, उसके पास भी नहीं थे. उसके बाद में कांग्रेस की शीला दीक्षित जी रहीं, ये सारे अधिकार उनके पास भी नहीं थे.''


उन्होंने आगे कहा, ''आज वो (अरविंद केजरीवाल) बार-बार एक ही मुद्दे को लेकर आते हैं तो दिल्ली की जनता को दिखाना चाहते हैं कि मैं कोई काम इसलिए नहीं कर पा रहा क्योंकि मेरे पास अधिकार नहीं हैं. ये बात बिल्कुल भी ठीक नहीं है. अभी गृह मंत्री जी ने लोकसभा में बहुत अच्छे से विस्तार से ये सारी बातों को बताया कि क्यों हम अपने ये अमेंडमेंड लेकर आ रहे हैं...''


'...तो फिर तो बिल पारित हो जाएगा'


कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी अपनी राय जाहिर की. एएनआई से बात करते हुए उन्होंने रविवार को कहा, ''लोकसभा में तो ये बिल पारित होना था क्योंकि सरकार के पास बहुमत है. बहुत से ऐसे दल जो एनडीए का हिस्सा नहीं हैं, उन्होंने भी इस बिल का समर्थन किया है. जैसे लोकसभा में हुआ है कि कुछ अन्य पार्टियों ने भी उनका समर्थन किया है, अगर वही रहा राज्यसभा में तो फिर तो बिल पारित हो जाएगा.'' 


बता दें कि यह विधेयक दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए एक अथॉरिटी के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश की जगह लेगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने विधेयक के उच्च सदन में पेश किए जाने की संभावना को देखते हुए व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों को सोमवार और मंगलवार को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए कहा है.


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