Amit Shah In Rajya Sabha: दिल्ली सेवा बिल (Delhi Services Bill) पर चर्चा का गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राज्यसभा में जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला और कम्यूनिस्ट और कांग्रेस के रिश्तों पर भी बात की. तृणमूल कांग्रेस और कम्यूनिस्टों के गठबंधन में शामिल होने पर भी गृहमंत्री ने तंज किया. अमित शाह ने चर्चा का जवाब देते हुए इस बात का खुलासा भी किया कि आखिरकार सरकार ये बिल लेकर क्यों आई है?
उन्होंने कहा, दिल्ली राजधानी क्षेत्र पूर्ण राज्य नहीं है. दिल्ली कई मायनों में अलग है. यह सीमित अधिकारों वाला प्रदेश है. दिल्ली की यूटी की सरकार अधिकारों का अतिक्रमण करती है, इसलिए ये बिल लाया गया है. ये बिल संविधान की आत्मा बचाने के लिए लाया गया. उन्होंने ये भी कहा, दिल्ली में भ्रष्टाचार रोकना दिल्ली सर्विस बिल का मकसद है. दिल्ली की व्यवस्था को ठीक करने के लिए ये बिल लाया गया है, पावर के लिए नहीं. उन्होंने कहा, दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग का कोई झगड़ा नहीं है.
यहां इलू-इलू कर रहे हैं
गृहमंत्री अमित शाह कांग्रेस पर वार करते हुए बोले कि ये लोग मुझे सिद्धांतों की दुहाई देते हैं. तृणमूल कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी आज किस सिद्धांत पर एक साथ हैं. तृणमूल कांग्रेस का जन्म ही कन्यूनिस्टों का विरोध करने से हुआ. कांग्रेस पार्टी से ये लोग इसलिए अलग हुए, क्योंकि नरसिम्हा राव जी ने कम्यूनिस्टों से हाथ मिला लिया था. आज सत्ता प्राप्त करने के लिए इनके साथ बैठे हैं. गृहमंत्री ने कहा, कांग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टी केरल में तो यूडीएफ, एलडीएफ करके एक-दूसरे की जान लेने पर आमादा हैं. यहां इलू-इलू कर रहे हैं.
अंग्रेजी बोलने से असत्य सत्य नहीं हो जाता
विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा, अंग्रेजी बोलने से असत्य सत्य नहीं हो जाता. दिल्ली के अधिकारों का किसी ने हनन किया है तो वो सदन में बैठी कांग्रेस है. विपक्ष के हंगामे पर उन्होंने कहा कि इन्हें करने में तकलीफ नहीं हुई, सुनने में हो रही है. कांग्रेस ने दिल्ली के अधिकारों का असली हनन किया.
संसद को कानून बनाने का पूरा अधिकार
राज्यसभा में अमित शाह बोले, बिल में एक भी प्रावधान गलत नहीं है. उन्होंने कहा कि 1991 से 2015 तक कोई झगड़ा नहीं था. हमने उसमें कोई बदलाव नहीं किया है. इस बिल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की दुहाई दी गई. उन्होंने कहा संसद को कानून बनाने का पूरा अधिकार है. संविधान बदलने तक की प्रक्रिया की गई है. संविधान में कई संशोधन किए गए. दिल्ली के लिए संसद कानून बना सकती है.
खरगे जी सुनिए...क्यों बोले अमित शाह
खरगे जी सुनिए... कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. अमित शाह ने कहा माननीय अध्यक्ष जी ये जब ये लोग बिल पर चर्चा कर रहे थे तो मुझे डेमोक्रेसी समझा रहे थे, अब मैं इन्हें डेमोक्रेसी समझा रहा हूं.
ये भी पढ़ें- Delhi Ordinance Bill: दिल्ली अध्यादेश बिल पर राज्यसभा में अमित शाह बोले, 'सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नहीं हुआ उल्लंघन'