Arvind Kejriwal On Delhi Services Bill: राज्यसभा में सोमवार (7 अगस्त) को दिल्ली सेवा बिल के पास होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा हमला बोला. सीएम केजरीवाल ने यहां तक कहा कि इस बार दिल्ली के लोग लोकसभा में बीजेपी को एक भी सीट नहीं देंगे.


दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ''आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन रहा. मोदी सरकार ने राज्यसभा में दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला बिल पास कर दिया. यह कानून अंग्रेजों द्वारा 1935 में लाए गए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया कानून जैसा है. दिल्ली के लोग अपनी पसंद की सरकार तो चुनेंगे, लेकिन उस सरकार को काम करने की कोई शक्ति नहीं होगी. एक तरह से प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट जो मर्जी आदेश पास करे, अगर मुझे पसंद नहीं आया तो कानून बना कर उसको पलट दूंगा.''


'...दिल्ली की सत्ता हथियाने की कोशिश की है'


AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''जब इन लोगों को लगा कि आम आदमी पार्टी को हराना मुश्किल है, तब इन्होंने चोर दरवाजे से अध्यादेश लाकर दिल्ली की सत्ता हथियाने की कोशिश की है. दिल्लीवालों ने 2015 और 2020 में हमारी सरकार बनाई, क्योंकि मैं दिल्ली का बेटा हूं और मोदी जी दिल्ली के नेता बनना चाहते हैं. दिल्लीवालों को अपना बेटा पसंद है, मोदी जी जैसे नेता नहीं चाहिए.''


CM अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''आज का दिन भारत के इतिहास में एक तरह से भारतीय जनतंत्र के लिए काला दिन साबित हुआ. आज संसद के अंदर दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला बिल पास कर दिया गया. यह बिल दिल्ली के लोगों को बेबस, असहाय, लाचार और गुलाम बनाता है. भारत की आजादी से पहले 1935 में अंग्रेजों ने एक कानून बनाया था. उस कानून का नाम गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट था. उस कानून में अंग्रेजों ने ये लिखा था कि भारत में चुनाव तो होंगे, लेकिन जो सरकार चुनी जाएगी, उसको कोई काम करने की पावर नहीं होगी, काम करने की शक्तियां नहीं होंगी.''


उन्होंने कहा, ''जब हमारा देश आजाद हुआ तो हमने संविधान बनाया और संविधान में हमने लिखा कि चुनाव होंगे, लोग अपनी सरकार चुनेंगे और जो सरकार चुनेंगे, उस सरकार को लोगों के लिए काम करने की सारी शक्तियां होंगी. आज आजादी के 75 साल के बाद प्रधानमंत्री मोदी जी ने दिल्ली के लोगों की आजादी छीन ली. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पीएम ने 1935 वाला अंग्रेजों का कानून बनाया है कि दिल्ली में चुनाव तो होंगे, दिल्ली के लोग अपनी सरकार तो चुनेंगे, लेकिन उस सरकार को काम करने की कोई भी शक्ति नहीं होगी. ये कानून आज हमारे देश की संसद ने पास किया है. दिल्ली के लोगों की, वोट की अब कोई कीमत नहीं बची है. सरकार बनाइए, लेकिन सरकार की कोई शक्ति नहीं है.''


पीएम मोदी पर CM केजरीवाल का हमला


अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि भारत एक जनतंत्र है. इस जनतंत्र में जनता अपनी सरकार चुनती है और उस सरकार को जनता के लिए काम करने की पूरी ताकत होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का जैसे ही आदेश आया, उसके एक हफ्ते के बाद ही प्रधानमंत्री जी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया और उसके खिलाफ एक अध्यादेश लेकर आए. सोमवार को हमारे देश की संसद ने उस अध्यादेश को इस देश का कानून बना दिया कि अब दिल्ली के लोगों की चुनी हुई सरकार को काम करने की कोई ताकत नहीं होगी.''


केजरीवाल ने कहा, ''अब इस कानून में लिखा है कि दिल्ली के लोग जो मर्जी सरकार बनाएं, लेकिन उस सरकार को सीधे-सीधे एलजी और मोदी जी चलाएंगे. इससे साफ जाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी जी कह रहे हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानता.''


अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''जिस देश के प्रधानमंत्री उस देश की सर्वोच्च अदालत को नहीं मानता, उस देश का क्या भविष्य हो सकता है? सीधे सीधे वो कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट जो मर्जी आदेश पास करे, अगर मुझे सुप्रीम कोर्ट का आदेश पसंद नहीं आया तो मैं उसके खिलाफ कानून बना कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दूंगा. इन लोगों को इतना अहंकार हो गया.''


'25 साल से इनको दिल्ली के लोगों ने वनवास दिया हुआ है'


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''जब इन लोगों ने देखा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हराना बहुत मुश्किल है. ये लोग पिछले चार चुनाव हो चुके हैं. दिल्ली में 2013, 2015 और 2020 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद एमसीडी का चुनाव भी भाजपा आम आदमी पार्टी से हार गई. पिछले 25 साल से दिल्ली के अंदर भाजपा की सरकार नहीं बनी है. 25 साल से इनको दिल्ली के लोगों ने वनवास दिया हुआ है. जब इनको लगा कि आम आदमी पार्टी को हराना मुश्किल है तो इन्होंने चोर दरवाजे से दिल्ली की सत्ता को हथियाने की कोशिश की है.''


उन्होंने कहा, ''दिल्ली के लोगों ने एक बार आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें दीं और मात्र तीन सीटें भाजपा को दीं. दूसरी बार 70 में से 62 सीटें दीं और मात्र 8 सीटें भाजपा को दीं. एक तरह से दिल्ली की जनता ने चिल्ला-चिल्ला के भाजपा को कहा है कि दिल्ली के अंदर दखलंदाजी मत करना.''


'प्रधानमंत्री अब ये काम करेंगे'


अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''दिल्ली की जनता ने भाजपा को लोकसभा की सातों सीट दीं. दिल्ली के लोगों ने प्रधानमंत्री जी को साफ-साफ शब्दों में कहा कि दिल्ली के काम में दखलंदाजी मत करिए, आप देश संभालो, लेकिन मोदी जी कहते हैं कि मैं जनता की बात नहीं मानता. उनको इतना अहंकार हो गया. वो न जनता की बात मानते और न सुप्रीम कोर्ट की बात मानते.''


अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली अध्यादेश बिल के प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा, ''संसद में जो कानून पास किया गया है, उसमें लिखा है कि दिल्ली सरकार में ए, बी, सी और डी कैटगरी में जितने भी कर्मचारी हैं, उन सबके के बारे में पूरी पॉलिसी केंद्र सरकार बनाएगी कि किस अधिकारी का ट्रांसफर किया जाएगा और कौन कर्मचारी क्या काम करेगा? वहीं, देश के प्रधानमंत्री बैठकर यह देखेंगे कि दिल्ली सरकार का कौन सा चपरासी क्या काम करेगा, कौन सा चपरासी फाइल उठाएगा, कौन सा चपरासी चाय पिलाएगा? प्रधानमंत्री अब ये काम करेंगे. क्या इसके लिए देश का प्रधानमंत्री बनाया था कि आप बैठकर दिल्ली के चपरासियों की ट्रांसफर पॉलिसी बनाएंगे.''


केजरीवाल ने सवाल पूछते हुए कहा, ''आपको तो केंद्र चलाना चाहिए. प्रधानमंत्री दिल्ली में क्यों दखलंदाजी कर रहे हैं? अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री दिल्ली में ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि पिछले 7-8 साल में बिना किसी पावर के भी हम लोगों ने बहुत शानदार काम किए हैं. दिल्ली में हमने इतने शानदार स्कूल-अस्पताल बनाए, 24 घंटे बिजली कर दी, बिजली फ्री कर दी, घर-घर पानी पहुंचा रहे हैं, सड़कें बनाई. हम लोगों ने इतने सारे काम कर दिए, लेकिन इन लोगों से ये काम नहीं हो रहे हैं.''


'बस यही इनका मकसद है'


केजरीवाल ने कहा, ''30 साल से गुजरात में इनकी सरकार हैं. इन्होंने गुजरात का बेड़ा गर्क कर दिया है. हरियाणा में इनकी सरकार बनी तो उसका भी बेड़ा गर्क कर दिया. मणिपुर में भी भाजपा की सरकार है. इन लोगों ने मणिपुर को जला दिया. इसलिए ये लोग केजरीवाल के साथ काम में कॉम्पटिशन नहीं कर सकते. ये लोग आम आदमी पार्टी के जैसे काम नहीं कर सकते, इसीलिए केजरीवाल को काम करने से रोक रहे हैं. किसी भी तरह से केजरीवाल को काम करने से रोको, बस यही इनका मकसद है.''


'मैं गृह मंत्री को संसद में भाषण देते सुन रहा था'


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संसद में भाषण देते सुन रहा था. वो संसद में कहते हैं कि ये लोग झगड़ते बहुत हैं. मैं बच्चों के लिए स्कूल बनाता हूं तो ये लोग मुझे स्कूल नहीं बनाने देते. फिर मैं जब इनसे कहता हूं कि मुझे स्कूल बनाने दो तो ये कहते हैं कि केजरीवाल झगड़ता बहुत है. मैं मोहल्ला क्लीनिक बनाता हूं तो इन लोगों ने मेरे मोहल्ला क्लीनिक तुड़वा दिए. मैं कहता हूं कि मुझे मोहल्ला क्लीनिक बनाने दो तो ये कहते हैं कि केजरीवाल झगड़ता बहुत है. मैं अस्पताल में दवाइयां फ्री करता हूं तो कहते हैं कि दवाइयां फ्री क्यों करता हूं? मैं बिजली फ्री करता हूं तो कहते हैं कि केजरीवाल तो फ्री की रेवड़ियां दे रहा है.''


अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''मैं जो भी करता हूं, चाहे झगड़ता हूं, दिल्ली के लोगों को पसंद हूं. इसलिए चार-चार बार दिल्ली के लोगों ने मुझे चुना है. मैं जो भी कर रहा हूं, ठीक ही कर रहा होऊंगा, तभी तो दिल्ली के लोगों ने चार-चार बार मुझे वोट दिया है.''


गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर केजरीवाल का पलटवार


अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री के संसद में दिए बयान पर कहा, ''गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि हमारे पास पावर है. संविधान ने हमें कानून बनाने की पावर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हमें ये कानून बनाने की पावर दी है. संविधान ने आपको जनता की सेवा करने की पावर दी है, आपको जनता के ऊपर अत्याचार करने की पावर नहीं दी है. अमित शाह जी इतना घमंड मत कीजिए. आपको पावर दी गई है, ताकि आप देश का विकास करें. आपको पावर दी गई है कि आप देश के लोगों को शक्तिशाली बनाएं. आपको पावर इसलिए नहीं दी कि आप देश के लोगों को लाचार बना दें, उनके वोट का अधिकार छीन लें.''


केजरीवाल ने कहा, ''केंद्रीय गृह मंत्री जो बार-बार पावर का राग अलाप रहे हैं, यह पावर जनता की सेवा करने के लिए दी गई है. मैंने पिछले चुनाव में अमित शाह जी को देखा कि वो दिल्ली में घर-घर जाकर पर्चे बांट रहे थे. एक-एक घर में जाकर पर्चे बांट रहे थे. फिर भी दिल्ली के लोगों ने भाजपा को नकार दिया तो अब आप दिल्ली के लोगों को तमाचा मारने आ गए. केजरीवाल से नफरत करते-करते इतने अंधे हो गए कि आपने दिल्ली के लोगों पर अत्याचार करना चालू कर दिया.''


'2014 में PM ने खुद बोला था कि दिल्ली को फुल स्टेटहुड बनाऊंगा'


अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को याद दिलाते हुए कहा, ''2014 के चुनाव में पीएम मोदी खुद दिल्ली आए थे. उनको अपना भाषण देखना चाहिए. मोदी जी ने दिल्ली की जनता से वादा किया था कि मुझे प्रधानमंत्री बना दो, मैं अब दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाऊंगा. हर चुनाव से पहले भाजपा ने दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए आंदोलन किए हैं और आज प्रधानमंत्री ने दिल्ली के लोगों की पीठ में छुरा घोंप दिया और अपने वादे से मुकर गए.''


उन्होंने कहा, ''अगर प्रधानमंत्री ऐसे करेंगे तो उन पर कौन यकीन करेगा? 2014 में प्रधानमंत्री ने खुद बोला था कि मैं दिल्ली को फुल स्टेटहुड बनाऊंगा तो अब जनता आपके ऊपर कैसे यकीन करेगी? 2015 में जैसे ही हमारी सरकार बनी, आपने एक नोटिफिकेशन जारी कर हमारी शक्तियां छीन ली. फिर भी हमने काम किया और फिर 2020 में दिल्ली की जनता ने हमें फिर से वोट दिया और 62 सीट देकर आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई.''


'...एक भी सीट नहीं देंगे'- सीएम केजरीवाल


अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''क्योंकि मैं दिल्ली का बेटा हूं और पीएम मोदी दिल्ली के नेता बनना चाहते हैं. दिल्ली के लोगों को अपना बेटा पसंद है, दिल्ली के लोगों को मोदी जी जैसे नेता नहीं चाहिए. हम दिल्लीवाले दिल्ली से बहुत प्यार करते हैं और हम जानते हैं कि भाजपा दिल्ली के लोगों से नफरत करती है. इस बार दिल्ली के लोग लोकसभा में एक भी सीट नहीं देंगे.''


अंत में अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''इस पूरे संघर्ष में बहुत सारी पार्टियों, बहुत सारे नेताओं ने दिल्ली के लोगों का साथ दिया. उन सब नेताओं को और पार्टियों को मैं तहे दिल से दिल्ली के दो करोड़ लोगों की तरफ से शुक्रिया अदा करता हूं.''


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