Parliament Monsoon Session 2023: संसद में मणिपुर को लेकर हंगामा चल रहा है. इस बीच मंगलवार (1 अगस्त) को लोकसभा में दिल्ली सर्विसेस बिल पेश किया जाएगा. यह बिल राजधानी दिल्ली में ग्रुप ए के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग और डिपॉर्टमेंट एलाकेशन का काम करेगा. इस अध्यादेश को लेकर दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एबीपी न्यूज से बातचीत की है. 


इस बातचीत पर संजय सिंह ने कहा कि वह और उनकी पार्टी साथ में अन्य विपक्षी दलों के पास राज्यसभा में पर्याप्त संख्या बल है लिहाजा वह वहां से यह बिल पास नहीं होने देंगे. सिंह ने कहा कि यह बिल असंवैधानिक है क्योंकि इस बिल से दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री के अधिकार छीने जा रहे हैं. 


'अविश्वास प्रस्ताव लंबित तो फिर क्यों लाया गया यह बिल'
संजय सिंह ने कहा कि अभी जब संदन में अविश्वास प्रस्ताव लंबित है लेकिन बावजूद इसके ऐसा अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. संजय सिंह ने कहा कि लोकसभा में भले ही हमारे पास संख्या बल नहीं हो लेकिन राज्यसभा में संख्या बल है और हम इस बिल को गिराएंगे. 


लोकसभा में आज की कार्यवाही को संशोधित करने के लिए गृहमंत्री अमित शाह सदन में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक पेश करेंगे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय दिल्ली से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर तत्काल इस विधेयक को लाने के कारणों को स्पष्ट करते हुए सदन में अपनी बात रखेंगे. 


आप कर रही है बिल का विरोध
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी इस बिल का कड़ा विरोध कर रही है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के विरुद्ध हैं. केंद्र सरकार का यह अध्यादेश 19 मई को लाया गया था. इससे एक हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को सेवा से जुड़े मामलों का नियंत्रण दिया था हालांकि उसे पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े विषय नहीं दिये गए थे.


क्या कहता है राज्यसभा का संख्या बल?
राज्यसभा के नंबर गेम की बात करें तो इस समय उच्च सदन की आठ सीटें रिक्त हैं और कुल सदस्य संख्या 237 है. ऐसे में इस संख्याबल के आधार पर राज्यसभा से बिल पारित कराने के लिए 119 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी. बीजेपी के पास कुल 91 सांसद हैं और एनडीए के पास कुल 109 सांसद है. ऐसे में राज्य सभा से बिल पारित कराने के लिए बीजेपी को 10 और सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी.


ऐसी स्थिति में बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत है. राज्यसभा में अन्य राजनीतिक दलों के स्ट्रेंथ की बात करें तो कांग्रेस के अभी 31 सांसद हैं. उच्च सदन में टीएमसी के 12, डीएमके के 10, जेडीयू के 5, एनसीपी के 4, शिवसेना यूबीटी के 3, सपा के 3, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के एक, लेफ्ट पार्टियों के दो, झारखंड मुक्ति मोर्चा के दो, केरल कांग्रेस (एम) के एक, राष्ट्रीय जनता दल के छह सांसद हैं. चूंकि 10 सांसदों की स्थिति स्पष्ट नहीं है लिहाजा संजय सिंह राज्यसभा में खुद के पास समर्थन होने की बात कह रहे हैं. 


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