नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सेना के पूर्व अधिकारियों और स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सदस्यों को हिरासत में ले लिया. ये लोग सोमवार रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पीएलए द्वारा भारतीय सेना के 20 जवानों की हत्या के खिलाफ यहां चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन शहीद वेलफेयर फाउंडेशन के प्रतिनिधित्व में किया जा रहा था. हालांकि, बाद में स्वदेशी जागरण मंच के सदस्य भी इसमें शामिल हो गए.


एसजेएम सदस्यों ने शुरुआत में तीन मूर्ति पुलिस स्टेशन पर विरोध किया और फिर विरोध करने के लिए दूतावास की ओर चले गए.





हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते- पीएम मोदी


प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने हमेशा ही प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें. हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं. लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं. जब भी समय आया है हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अ​मित शाह और 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री ने गलवान घाटी में जान गंवाने वाले जवानों को 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद हुए जवानों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताई


पूर्वी लद्दाख में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पहला बयान सामने आया है. राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी में जवानों की शहादत को दुखदायी बताया है. उन्होंने कहा, "हम सैनिकों का बलिदान नहीं भूलेंगे. पूरा देश शहीद सैनिकों के साथ खड़ा है."


रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर कहा, "सैनिकों की शहादत परेशान करने वाली और दुखदायी है. हमारे जवानों ने जबरदस्त बहादुरी दिखाई और देश के लिए शहीद हुए. देश उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. शहीदों के परिवारवालों के साथ पूरा एक साथ खड़ा है."


विपक्ष ने सरकार को घेरा
चीन के साथ हिंसक झड़प के बाद से विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 20 जवानों के शहादत से पूरे देश में भारी रोष है. पूरे देश को हमारे वीर सपूतों के शौर्य पर गर्व है उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दें भारत मां की अस्मिता की रक्षा की है.चीनी सेना के इस दुस्साहस पर पीएम और मोदी सरकार ने मौन साध लिया है.


सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी व पूरा प्रतिपक्ष पर बार-बार केंद्र सरकार से गुहार लगाते रहें कि कुछ बताए कि आखिर बॉर्डर पर परिस्थितियां क्या हैं? चीन की सेना ने हमारी सरहदों में कहां तक कब्ज़ा कर लिया है और हमारी कितनी ज़मीन हड़प ली है.?


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