शाहीन बाग वॉलिंटियर्स ने खोला 9 नंबर सड़क पर एक तरफ का रास्ता, लेकिन सबको नहीं मिलेगी राहत
शाहीन बाग के प्रदर्शन के चलते नोएडा को फरीदाबाद से जोड़ने वाला ये रास्ता भी दो महीने से ज्यादा वक्त से बंद था, जिसे प्रदर्शनकारियों ने आज शाम खोल दिया.
नई दिल्ली: शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल के नजदीक 9 नंबर सड़क पर लगे एक तरफ की बैरिकेड को शनिवार शाम प्रदर्शनकारियों ने खोल दिया. जिसके बाद यह कहा गया कि शाहीन बाग में एक तरफ की सड़क खुल गई है. लेकिन आपको बता दें इस सड़क से जाम से जूझ रहे दिल्ली वालों को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है. अगर फायदा मिलेगा तो वह सिर्फ जामिया, शाहिनबाग और ओखला में रहने वाले लोगों को. वो लोग ही खुद 2 महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं.
दरअसल 9 नंबर सड़क का यह रास्ता ओखला, जामिया की तरफ से आते हुए नाले के रास्ते बाहर वाली कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन की तरफ जाता है. वहां से लोग बाएं हाथ की तरफ मुड़े तो नोएडा की तरफ जा सकते हैं. लेकिन सवाल ये है की आश्रम से ओखला, जामिया होते हुए कोई नोएडा क्यों जाएगा. आश्रम से नोएडा जाने वाले लोग डीएनडी से होते हुए ही नोएडा जाते हैं. कुल मिलाकर जो बैरिकेड हटाया गया है उससे प्रदर्शनकारियों को ही मदद होगी. आम पब्लिक अभी भी परेशान रहेगी.
नोएडा और फरीदाबाद से दिल्ली की तरफ आने वाला रास्ता अभी भी बंद
प्रदर्शनकारियों ने शाहीन बाग प्रोटेस्ट की तरफ जाने वाले रास्ते को अभी भी नहीं खोला है. यह रास्ता सरिता विहार अपोलो हॉस्पिटल की तरफ आगे जाता है.जोकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा को दिल्ली से जोड़ने वाली मुख्य सड़क है. प्रदर्शनकारी इस सड़क के एक हिस्से को खाली करने की बात कर पुलिस के ऊपर पल्ला झाड़ रहे थे, लेकिन वार्ताकारों से बातचीत के दौरान प्रदर्शनकारियों ने इस मुख्य सड़क के आधे हिस्से को भी खाली करने से इंकार कर दिया और कहा कि जब तक पुलिस और सुप्रीम कोर्ट लिखकर सिक्योरिटी का आश्वासन नहीं देता.तब तक हम सड़क खाली नहीं करेंगे. प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों के सामने शनिवार को सात शर्ते रख दी.
9 नंबर सड़क के बैरिकेड को हटाने से प्रदर्शनकारियों की मंशा पर ही खड़े हुए सवाल
वार्ताकारों से बातचीत बेनतीजा रहने के बाद प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ते हुए उस बैरिकेड को हटा दिया जिससे प्रदर्शन स्थल के आसपास रहने वाले लोगों को खुद भी जाम का सामना करना पड़ रहा था. प्रदर्शन स्थल के आसपास जामिया, ओखला और शाहीन बाग का इलाका ही लगता है. कहीं ना कहीं इस बैरिकेड को हटाने से प्रदर्शनकारियों की मंशा पर ही सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि इससे घंटों जाम में फस रहे आम लोगों को तो कोई फायदा नहीं पहुंचेगा, बल्कि खुद प्रदर्शन में शामिल लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी.
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