दिल्ली: ऑपरेशनल हुए शकूरबस्ती के रेलवे आइसोलेशन कोच, कोरोना पेशेंट्स का आना शुरू
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराने के लक्ष्य से भारतीय रेलवे ने रेल कोच को आइसोलेशन में बदला है. जहां पर कोरोना मरीजों को आइसोलेशन में रखा जा सकेगा. आपको बता दें कि यहां पर केवल वही मरीज रखे जाएंगे जिनको माइल्ड सिंपटम्स है.
नई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी के दौरान रेलवे ने रेल डिब्बों को आइसोलेशन केन्द्रों में बदला है. इसी कड़ी में दिल्ली के शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर डिब्बों में बुधवार से रोगी आने शुरू हो गए हैं. बुधवार को दो कोरोना रोगियों का यहां ट्रांसफर किया गया. उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि शकूरबस्ती रेलवे स्टेशन पर खड़ा किए गए इन डिब्बों में आज से रोगी आने शुरू हो गए हैं.
उत्तर रेलवे ने 17 जून से दिल्ली क्षेत्र के 9 रेलवे स्टेशनों पर 503 आइसोलेशन कोच लगाए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने वाले ये डिब्बे स्वास्थ्य सेवा की कमियों वाले क्षेत्रों में अल्प सूचना पर रेल नेटवर्क द्वारा देश के किसी भी हिस्से में ले जाए जा सकते हैं. दिल्ली सरकार की मांग पर उत्तर रेलवे ने 17 जून से दिल्ली क्षेत्र के 9 रेलवे स्टेशनों पर 503 आइसोलेशन कोच खड़े किए हैं. कम लक्षणों वाले मरीजों को पृथक रखने के लिए इन डिब्बों का उपयोग किया जाएगा.
रेलवे इन डिब्बों को मरीजों की सुविधाओं को ध्यान रखते हुए तैयार किया है
आपको बताते हैं कि आखिर किस तरह रेलवे इन ट्रेन के डिब्बों को लोगों के रहने लायक बना रहा है. सबसे पहले सभी डिब्बों को डिसइनफेक्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. ना सिर्फ ट्रेन को बाहर से बल्कि डिब्बों को अंदर से भी सैनिटाइज किया जा रहा है.
हर कोच में मौजूद 4 शौचालयों में से 2 को बाथरूम में तब्दील कर दिया गया
इसके बाद लोगों के नहाने की समस्या को ध्यान में रखते हुए हर कोच में मौजूद 4 शौचालयों में से 2 को बाथरूम में तब्दील कर दिया गया है. यहां पर ना सिर्फ साफ-सुथरी फर्श लगा दी गई है बल्कि नहाने के लिए सभी जरूरी सामानों की भी व्यवस्था कर दी गई है.
हर 2 बेड के बाद प्लास्टिक के पर्दे लगाकर अलग-अलग सेक्शन बनाए गए
इसके बाद जिस चीज का खास खयाल रखा गया है, वो ये है कि लोग एक दूसरे के संपर्क में ना आएं. इसके लिए हर 2 बेड के बाद प्लास्टिक के पर्दे लगाकर अलग-अलग सेक्शन बना दिए गए हैं. एक सेक्शन में सिर्फ दो ही बेड रहेंगे. इस हिसाब से पूरे डिब्बे में सिर्फ 16 मरीज रखे जाएंगे. डिब्बों के साइड बर्थ मेडिकल इक्विपमेंट रखने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे. यहां पर ऑक्सीजन से लेकर के बाकी जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट रखी जाएंगी.
खाने से लेकर के बिस्तर तक मुहैया कराएगा रेलवे
पूरी ट्रेन की सभी खिड़कियों को नेट से ढक दिया गया है. ताकि मच्छरों की समस्या मरीजों को ना आए. खाने से लेकर के बिस्तर तक रेलवे मुहैया कराएगा. मेडिकल स्टाफ दिल्ली सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा. दिल्ली में लगातार मामले बढ़ने के बाद स्थिति ऐसी हो गई है कि अब कोरोना के मरीजों को बेड मिलना मुश्किल हो गया है. ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर रेलवे ने दिल्ली के लिए यह मदद जारी की है.
रेल मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच हुए समझौते के अनुसार और भी इंतजाम किए गए हैं.
उत्तर रेलवे करेगा सभी व्यवस्थाएं
उत्तर रेलवे यहां ढांचागत सुविधा के लिए जिम्मेदार होगा. प्लेटफॉर्मों की सफाई और स्वच्छता, हाउस-कीपिंग सामग्री प्रदान करना, जैव शौचालयों का प्रबंधन, बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था, जल संचार सुविधाओं, साइनेज और विभिन्न क्षेत्रों के चिन्हांकन रेलवे द्वारा किए गए हैं. साथ ही इन कोचों में ऑक्सीजन सिलेंडर भी रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे. खान-पान की व्यवस्था भी रेलवे द्वारा की जाएगी. इसमें दिन में तीन समय का भोजन और सुबह एवं शाम की चाय शामिल होगी. जहां ये डिब्बे लगाए गए हैं, उस रेलवे स्टेशन एवं प्लेटफॉर्म की सुरक्षा, रेल सुरक्षा बल द्वारा की जाएगी. दिल्ली पुलिस रेलवे स्टेशन एवं बाहर के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था की प्रभारी होगी.
प्रीतमपुरा, नई दिल्ली स्थित महावीर अस्पताल के अंतर्गत कार्य करेंगे रेलवे कोच रेलवे ने बताया है कि रोगियों का इलाज डीजीएचएस प्रोटोकोल के अंतर्गत किया जाएगा. ये डिब्बे प्रीतमपुरा, नई दिल्ली स्थित महावीर अस्पताल के अंतर्गत कार्य करेंगे. अस्पताल द्वारा आवश्यक दवाइयां, चिकित्सा उपकरण और सामग्री के साथ-साथ कोच अटेंडेंट भी उपलब्ध कराए जाएंगे. कोच की साफ-सफाई और कूड़े को उठाना और उसके निपटान की जिम्मेदारी अस्पताल की होगी.
कोविड केयर कोचों एवं रोगियों से जुड़ी सूचनाओं के लिए स्टेशन पर एक रिसेप्शन सेंटर खोला गया है. यहीं पर एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष रेलवे द्वारा स्थापित किया गया है. कूरबस्ती स्थित रेल डिब्बों को एक शैड के नीचे रखा गया है, ताकि सीधी धूप से बचाया जा सके. प्रत्येक कूपे में हवा के बेहतर संचार एवं तापमान नियंत्रण के लिए पंखे उपलब्ध कराए गए हैं.
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