नई दिल्लीः दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) चुनाव आज कराए जाएंगे. ये चुनाव 25 अप्रैल को कराए जाने थे, लेकिन कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इन्हें टाल दिया गया था. दिल्ली के सभी 46 गुरुद्वारा वार्ड के लिए 23 रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.
राष्ट्रीय राजधानी के सरकारी स्कूलों में बनाए गए 546 मतदान केंद्रों पर मत डाले जाएंगे. चुनाव मैदान में 132 निर्दलीय प्रत्याशियों समेत कुल 312 उम्मीदवार हैं. मतों की गणना 25 अगस्त को की जाएगी. चुनाव में 3.42 लाख सिख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
डीएसजीएमसी चुनाव में यदि मुख्य टक्कर की बात की जाये तो इस बार मुकाबला शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के परमजीत सरना भाईयों और शिरोमणि अकाली दल बादल के मनजिंदर सिंह सिरसा की पार्टी के बीच है. चुनाव प्रचार के दौरान दोनों ही अपनी-अपनी जीत का दावा करते रहे हैं.
डीएसजीएमसी 1974 में हुआ था पहली बार मतदान
ऐतिहासिक पक्ष की अगर बात की जाए तो दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी एक खुदमुखतियार संस्था है और इसके लिए पहली बार मतदान साल 1974 में हुआ था. दिल्ली सरकार के डायरेक्टोरेट ऑफ गुरुद्वारा इलेक्शन की स्थापना 1974 में हुई थी.
दिल्ली के गुरूद्वारा की देखभाल करती है समिति
इसके लिए देश की संसद में एक्ट पास किया गया था जिसे दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा एक्ट 1971 के तौर पर जाना जाता है. यह एक्ट दिल्ली के गुरूद्वारा और उन के साथ जुड़ी जायदादों की देखभाल और प्रबंध के नियम और दिशानिर्देश को तय करता है.
यह भी पढ़ें-
अफगानिस्तान से 87 भारतीयों की हुई स्वदेश वापसी, एयर इंडिया के विमान से लाया गया दिल्ली