नई दिल्लीः अब से दिल्ली के सभी गुरुद्वारों में प्लास्टिक और थर्माकोल पर बैन है. दिल्ली में गुरुद्वारों का प्रबंधन देखनेवाली दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर पाबंदी लगा दी है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी ने न सिर्फ परिसर के भीतर बल्कि बाहर लगने वाले लंगर में भी इसके प्रयोग पर पाबंदी लगाई है. इससे नए तौर पर प्रयोग में आने वाली प्लेट और गिलास जैसी चीज़ों पर सालाना खर्च 6 करोड़ के आसपास बढ़ जाएगा.


दिल्ली के गुरुद्वारे अब सिंगल यूज़ प्लास्टिक मुक्त हो रहे हैं. प्रसाद से लेकर लंगर तक सब जगह पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फैसला लिया है दिल्ली के सभी गुरुद्वारों में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा फिर चाहे वो प्रसाद देने के लिए हो या फिर लंगर के लिए. इतना ही नहीं इनके द्वारा चलाए जाने वाले स्कूल कॉलेज और इंस्टीट्यूट में भी सिंगल यूज प्लास्टिक पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है. अब प्लास्टिक की बजाए इको फ्रेंडली चीजें जैसे पत्तल, कागज़, पेड़ की छाल जैसी चीजों से बनी प्लेट का इस्तेमाल किया जाएगा.


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सिंगल यूज प्लास्टिक के अलावा थर्मोकोल के प्लेट और ग्लास पर भी पाबंदी लगा दी गई है. इसकी जगह अब पेपर, पतों से बनी प्लेट का इस्तेमाल किया जाएगा. इसका अलावा अलग तरह के इको फ्रेंडली मेटीरियल से बने प्लेट, कटोरी, ग्लास और चमच के सैंपल मंगाया गए हैं. प्लास्टिक और थर्माकोल पर प्रतिबंध करने से बजट में करोड़ों का इज़ाफ़ा होगा पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के मुताबिक पर्यावरण के लिए पैसा कोई मायने नहीं रखता है.



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दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फैसला किया है कि इस ग्रुप और अब तक सभी गुरुद्वारों को पूर्णतः प्लास्टिक मुक्त कर दिया जाए. वहीं इसे स्कूलों और कॉलेजों में भी लागू किया जाएगा जहां पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध होगा. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के दिल्ली में 10 कॉलेज हैं जिसमें इंजीनियरिंग, आईटी डिप्लोमा और दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज हैं और 15 स्कूल हैं. इन स्कूलों में भी में प्लास्टिक बैन कर दिया गया है ताकि स्कूल भी प्लास्टिक फ्री हो और बच्चे इस मुहिम को आगे बढ़ाएं.


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वहीं गुरुद्वारों में होनेवाली शादियों में भी प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध होगा. दिल्ली के सभी गुरुद्वारों में अब प्लास्टिक बैन हो चुका है ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे. वहीं ये उम्मीद भी की जा रही है कि शायद इस फैसले से लोगों पर भी असर पड़े और वो भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद कर दें.


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