MCD Reserved Seats: दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयोग (Delhi State Election Commission) ने नगर निगम चुनाव (MCD Election) के लिए आरक्षित सीटों (Reserved Seats) की संख्या तय कर दी है. दिल्ली नगर निगम (MCD) के वार्डों के परिसीमन (Delimitation) पर केंद्र सरकार (GOI) की मुहर लगने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने आरक्षित सीटें निर्धारित कीं. 


परिसीमन से पहले एमसीडी के वार्डों की संख्या 272 थी लेकिन अब इसे 250 कर दिया गया है. इसमें 42 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं. वहीं, 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं. एमसीडी चुनाव की तारीख की घोषणा कभी भी हो सकती है. इस साल के अंत तक या 2023 की शुरुआत में एमसीडी चुनाव कराए जा सकते हैं.


बदलती रही नगर निगम वार्डों की संख्या


दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयोग ने 2011 की जनगणना के अनुसार वार्डों का परिसीमन किया है. जिन इलाकों की आबादी ज्यादा है, वहां वार्डों की संख्या ज्यादा रखी गई है. हर विधानसभा में 3 से 6 तक वार्ड हो सकते हैं. 2007 से पहले दिल्ली में एमसीडी के वार्डों की संख्या 134 थी. इसके बाद वार्डों की संख्या बढ़ाकर 272 कर दी गई थी. 2012 में जब एमसीडी का तीन हिस्सों में विभाजन किया गया था तब भी वार्डों की संख्या 272 थी. 


तीनों नगर निगम को किया गया एकीकृत


दिल्ली में तीनों एमसीडी का कार्यकाल इसी साल मई में ही खत्म हो गया था. 19 मई को केंद्र सरकार ने तीनों नगर निकायों का विलय करके एकीकृत दिल्ली नगर निगम बना दिया था. वार्डों की संख्या निर्धारित करने के लिए 8 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने परिसीमन आयोग का गठन किया था. आयोग ने 12 सितंबर को वार्डों के परिसीमन का ड्राफ्ट तैयार कर लिया था. 3 अक्टूबर को ड्राफ्ट पर आपत्तियां मांगी गई. आपत्तियों को दूर करने के बाद पिछले हफ्ते परिसीमन रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दी गई थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट को मंजूरी देकर इसे दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दिया था. जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने वार्डों की संख्या जारी की.


इस दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के दिशा निर्देश पर एमसीडी अधिकारी पूर्व पार्षदों के संपर्क में रहकर जनता की शिकायतें दूर कर रहे हैं.


अमित शाह का केजरीवाल सरकार पर निशाना 


बता दें कि आगामी एमसीडी चुनाव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है. गुरुवार (20 अक्टूबर) को तेहखंड में कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र का उद्घाटन करने पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने तीनों नगर निगमों के साथ सौतेला व्यवहार किया है. शाह ने कहा कि केजरीवाल सरकार चाहती है कि दिल्ली‘आप निर्भर’ बने जबकि बीजेपी चाहती है कि राष्ट्रीय राजधानी आत्मनिर्भर बने. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से आह्वान किया कि वे इन दोनों में एक को चुनें.


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