दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार से 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं करवाने की अपील की है. एसोसिएशन का कहना है कि बोर्ड की परीक्षा देने वालों में अधिकतर बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं. सरकार यह स्पष्ट करे कि जो बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं क्या सरकार उन्हें बोर्ड की परीक्षा देने से रोकेगी. क्योंकि उन्हें टीका नहीं लग पाएगा.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया 12वीं की बोर्ड परीक्षा से पहले छात्रों को वैक्सीन लगाने की मांग कर चुके हैं. वहीं केरल, असम, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और मेघालय जैसे कई राज्यों ने केंद्र सरकार से शिक्षकों और छात्रों को परीक्षा केंद्र पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने का आग्रह किया है. दिल्ली की निजी स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आर. सी जैन कहते हैं, "दिल्ली में 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा के लिए सरकार सभी बच्चों को वैक्सीन का टीका लगाने का बहाना बनाकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है. सरकार को पता होना चाहिए कि बच्चों ने पिछले पूरे वर्ष ऑनलाइन पढ़ाई इसलिए की है क्योंकि उन्हें 12वीं के बाद मेडिकल, इजीनियरिंग, सीए इत्यादि के एग्जाम देने हैं या फिर विदेशों में अच्छे कॉलेजों में दाखिला लेकर अपना भविष्य को बनाना है."
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल एसोसिएशन जिसके अंतर्गत करीब 4 हजार निजी स्कूल हैं, उनका मानना है कि जिस प्रकार सरकार बहाना बना रही है कि दिल्ली में जब तक सभी बच्चों का टीकाकरण नहीं हो जाता या फिर सभी अध्यापकों का टीकाकरण नहीं हो जाता तब तक 12वीं की परीक्षा नहीं कराई जाए. अपने आप में सरकार की असफलता दिखाता है.
एसोसिएशन का कहना है कि बोर्ड की परीक्षा देने वालों में अधिकतर बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं. ऐसे में सरकार यह स्पष्ट करे कि जो बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं, क्या सरकार उन्हें बोर्ड की परीक्षा देने से रोकेगी. क्योंकि उन्हें टीका नहीं लग पाएगा. लिहाजा बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ना की जाए और तुरत केंद्र सरकार को एग्जाम कराने के लिए दिल्ली सरकार अपनी सहमति दे.