कोरोना वॉरियर्स के लिए 3D प्रिंटर की मदद से फेस शील्ड तैयार कर रहा है दिल्ली का छात्र
बीबीए के छात्र उदित की मां को इन शील्ड की जरूरत थी तो उन्हें यह आइडिया आया. एक दिन में 3D प्रिंटर की मदद से 20-25 फेस शील्ड का निर्माण कर रहे हैं उदित.
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस का कोहराम मचा हुआ है. लोग अपने घरों में कैद हैं. वहीं डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज में लगे हुए हैं. ऐसे में इन लोगों को कोरोना वायरस का खतरा बना रहता है. सरकार इन लोगों की मदद के लिए पीपीई सूट का इंतजाम कर रही है. वहीं दिल्ली के एक छात्र ने डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की मदद के लिए फेस शील्ड बनाना शुरू किया है. यह फेस शील्ड 3D प्रिंटर की मदद से बनाए जा रहे हैं.
फेस शील्ड चेहरे पर पहनने वाला एक प्रकार का मेडिकल टूल होता है. यह सामने से आपके चेहरे को ढक लेता है. यह आपके चेहरे पर सामने से आने वाले किसी वायरस को आने से रोकता है. फेस शील्ड बनाने वाले उदित काकर ने बताया कि मैं घर पर ही फेस शील्ड्स का निर्माण कर रहा हूं. मुझे यह आइडिया दो हफ्ते पहले ही मिल गया था क्योंकि मेरी मां को हॉस्पिटल में इन शील्ड्स की जरूरत थी.
बीबीए के छात्र उदित काकर ने बताया कि वह एक दिन में 20-25 फेस शील्ड का निर्माण अपने घर पर ही 3D प्रिंटर की मदद से कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए वह A4 साइड की ओवरहेड प्रोटेक्टर शीट और इलास्टिक का प्रयोग कर रहे हैं. उदित ने इस प्रिंटर की मदद से शील्ड बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताया कि हम कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर में डिज़ाइन फ़ाइल डालते हैं. इसके बाद यह प्रिटिंग की प्रक्रिया शुरू करता है. कच्चा माल 200 डिग्री तक गर्म होता है और फिर हमें शील्ड तैयार करने के लिए ओएचपी मिल जाती है.
उदित काकर का कहना है कि उन्हें देश की राजधानी दिल्ली की ही अलग-अलग 6 जगहों से ऑर्डर मिल चुके हैं. उदित इसके लिए लगातार काम कर रहे हैं. वो एक दिन में 20-25 फेस शील्ड का उत्पादन कर रहे हैं. दूसरे राज्यों और शहरों को शील्ड देने के सवाल पर काकर ने कहा कि क्योंकि लॉकडाउन के दौरान शिपिंग करना मुश्किल है तो मैं वहां से ऑर्डर नहीं ले सकता. गौरतलब है कि इन फेस शील्ड का उपयोग स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को खांसी और रोगियों की छींक से बचाने के लिए किया जाता है.