'आबकारी नीति की खामियों के कारण दिल्ली को 2873 करोड़ का नुकसान'- ED ने अदालत को बताया
एजेंसी ने यह भी कहा है कि नीति एक विशेषज्ञ समिति के सुझाव के खिलाफ गई जिसने मंत्रियों के एक समूह (GoM) को अपनी सिफारिशें भेजीं थीं. इसमें मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गहलोत शामिल थे.
ED On Delhi Liquor Policy: दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति कुछ महीने पहले वापस ली जा चुकी है. इस नीति को लेकर दिल्ली सरकार काफी समय से जांच के घेरे में है. अब ED ने दिल्ली सरकार पर नए आरोप लगाए हैं, जिससे 'आप' सरकार की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है.
ED ने दिल्ली की एक अदालत में बताया कि पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति की खामियों के कारण 2873 करोड़ का नुकसान हुआ है. एजेंसी ने यह दावा मंगलवार को गिरफ्तार किए गए व्यवसायी अमित अरोड़ा की रिमांड अर्जी के दौरान किया. ED ने सरेंडर किए गए लाइसेंस के कारण कथित नुकसान का हवाला दिया.
एजेंसी ने कहा कि कुछ वार्डों में दुकानें नहीं खुलीं, जिन्हें गैर-अनुरूप क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया गया था. एजेंसी के इन दावों पर दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. हालांकि, पार्टी ने आरोपों को झूठा बताया है.
'नायर कोई साधारण कार्यकर्ता नहीं है'
अमित अरोड़ा से संबंधित अपने रिमांड आवेदन में एजेंसी ने कहा, "विजय नायर आप का कोई साधारण कार्यकर्ता नहीं है बल्कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का करीबी सहयोगी है… इसके अलावा नायर 2020 से दिल्ली सरकार के एक कैबिनेट मंत्री को आवंटित सरकारी बंगले में रह रहा है… नायर के पास दिल्ली में कोई घर नहीं है... विडंबना यह है कि (नगर मंत्री कैलाश) गहलोत नजफगढ़ में एक अन्य निजी आवास में रहते हैं."
ईडी ने दावा किया कि नायर ने व्यापारियों और सह-आरोपी दिनेश और अमित अरोड़ा के साथ "षड्यंत्र और मिलीभगत" में "कुछ थोक विक्रेताओं को अपने एल-1 लाइसेंस वापस करने के लिए मजबूर किया और फिर निर्माताओं को अपनी पसंद के थोक विक्रेताओं को चुनने और लाभ मार्जिन को निर्देशित करने के लिए मजबूर किया." उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं और किसी भी जांच एजेंसी ने कथित नुकसान का आंकड़ा पेश किया है.
'विशेषज्ञ समिति के सुझावों को किया गया दरकिनार'
एजेंसी ने यह भी कहा है कि नीति एक विशेषज्ञ समिति के सुझाव के खिलाफ गई जिसने मंत्रियों के एक समूह (GoM) को अपनी सिफारिशें भेजीं थीं. इसमें मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गहलोत शामिल थे. इसी के साथ, जनता की भी राय नहीं मांगी थी. हालांकि, यहां यह बताना जरूरी है कि सरकार किसी विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों से बाध्य नहीं है.
कोर्ट ने अमित अरोड़ा को ईडी की हिरासत में भेजा
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को गुरुग्राम स्थित 'बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड' के निदेशक कारोबारी अमित अरोड़ा को दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन जांच के सिलसिले में सात दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है. एजेंसी ने दावा किया कि बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए अरोड़ा से पूछताछ की जरूरत है.
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