दिल्ली: राजधानी के दो लाख से ज्यादा बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित, सिर्फ 6 फीसदी आबादी मेट्रो का इस्तेमाल करती है
दिल्ली सरकार के एक सर्वे में कई चौकने वाले आंकड़े सामने आए हैं. दिल्ली सरकार द्वारा एक करोड़ से ज्यादा लोगों पर किया गया ये सर्वे नवम्बर 2018 से नवम्बर 2019 तक चला.
दिल्ली सरकार के एक सर्वे में कई चौंकने वाले आंकड़े सामने आए हैं. आप को ये जानकर हैरानी होगी देश की राजधानी में आज भी दो लाख बच्चे स्कूल जाने से वंचित हैं. इनमें से 64,813 बच्चे गरीबी के चलते स्कूल जाने में असमर्थ हैं. सर्वे में इसके साथ-साथ और भी कई आंकड़े सामने आए हैं.
अपनी तरह का सबसे बड़ा सर्वे
दिल्ली सरकार द्वारा एक करोड़ से ज्यादा लोगों पर किया गया ये सर्वे नवम्बर 2018 से नवम्बर 2019 तक चला. जबकि इसकी रिपोर्ट नवम्बर 2020 में तैयार हुई. इस रिपोर्ट में दिल्ली के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को आधार बनाते हुए लोगों की आय, शिक्षा, धर्म, जाति, गम्भीर बीमारी, टिकाकरण की स्थिति, रोजगार और लोगों द्वारा परिवहन के लिए इस्तेमाल होने वाले साधनों का विस्तृत ब्योरा दिया गया है. अपनी तरह का ये अब तक का सबसे बड़ा सर्वे है. सर्वे में ये बात भी सामने आई कि दिल्ली के 80 फीसदी घरों में कंप्यूटर नहीं है.
क्या है सर्वे की खास बातें
0 से 6 साल की उम्र के 6 लाख से ज्यादा बच्चे आंगनवाड़ी के दायरे से बाहर हैं. साथ ही साथ राजधानी की आधे से भी कम प्रेगनेंट महिलायें इसमें शामिल हैं. 0 से 5 साल के बीच के लगभग एक चौथाई बच्चों को आज तक किसी भी तरह के टीकाकरण की सुविधा नहीं मिली हैं. राजधानी के 63 प्रतिशत लोग आवाजाही के लिए बस का इस्तेमाल करते हैं जबकि केवल 6 प्रतिशत लोग ही मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं. शहर के 42.59 प्रतिशत घर 10000 से भी कम में महीने भर का खर्च चलाते हैं. 80 प्रतिशत घरों में कम्प्यूटर की सुविधा नहीं हैं, लगभग 29 प्रतिशत घरों के नलों में पानी की आपूर्ति नहीं है. लगभग सभी घरों में शौचालय की सुविधा मौजूद है. शहर की लगभग तीन चौथाई आबादी सरकारी सुविधाओं पर निर्भर हैं. 2.60 प्रतिशत लोग गम्भीर बीमारियों से ग्रसित है और इनमें से ज्यादातर मधुमेह से पीड़ित हैं.
6000 से ज्यादा लोगों ने किया ये सर्वे
दिल्ली सरकार के इस सर्वे में 6000 से ज्यादा लोग शामिल थे. सर्वे में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले आंकड़े शिक्षा और शिशु के विकास को लेकर आए हैं. सर्वे के अनुसार दिल्ली में 6 से 17 वर्ष तक के 2,21,694 बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित हैं. इनमें से 1,31,584 बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुके हैं. जबकि 90,110 बच्चों ने आज तक स्कूल में प्रवेश नहीं लिया है. 2011 की सेंसस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की आबादी लगभग 1.67 करोड़ है.
तीन नाबालिग बच्चियों की मौत थी सर्वे की वजह
पूर्वी दिल्ली की मंडावली श्रेत्र में जुलाई 2018 में भुखमरी के चलते 3 नाबालिग बच्चियों की मौत हो गयी थी. जांच में पता चला था कि इस परिवार के पास राशन कार्ड नहीं था. जांच में ये भी पता चला कि स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र ने इस घटना के बाद सम्बंधित दस्तावेजों में छेड़छाड़ की थी.
यह भी पढ़े
राम मंदिर के लिए चंदा अभियान की शुरुआत, राष्ट्रपति कोविंद ने दिया पांच लाख रुपये का चेक