टैक्सी का लोन, घर का किराया... ड्राइवर के साथ कंझावला जैसा कांड, अब परिवार पर आजीविका का संकट
Mahipalpur Viral Video: मृतक के छोटे भाई नागेंद्र शाह ने कहा, 'वह अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे. वे किराये के मकान में रहते हैं. उनका खर्च-किराया और आजीविका के लिए दैनिक खर्च कौन उठाएगा?'
Mahipalpur Taxi Driver Dragged Viral Video: साउथ वेस्ट दिल्ली के महिपालपुर इलाके में एक बड़ी ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक शख्स को चलती कार से काफी दूरी तक घसीटा गया. सड़क पर इस बर्बरता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
वीडियो में एक चलती कार के नीचे एक शख्स फंसा हुआ दिखाई देता है, जिसे घसीटते हुए ले जाया जा रहा है. कार के नीचे फंसे युवक की पहचान फरीदाबाद निवासी बिजेंद्र के रूप में की गई है, जिसकी घटना में मौत हो गई है. बिजेंद्र टैक्सी ड्राइवर था और घर में अकेला कमाने वाला था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मूल रूप से बिहार का रहने वाले टैक्सी चालक बिजेंन्द्र शाह ने अपने साथ होने वाली लूटपाट व डकैती का विरोध किया, लेकिन उसको उसके ही वाहन के नीचे घसीट कर मार दिया. बिजेंद्र को करीब 300 मीटर तक घसीटते हुए ले जाने का वीडियो वायरल है.
'परिवार में पत्नी और 5 बच्चे, चला गया अकेला कमाने वाला'
बताया जा रहा है कि वह अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था. मृतक अपनी बेटी को सिविल सर्विस की परीक्षा पास करवाना चाहता था. उसके परिवार में उनकी पत्नी, 5 बच्चे हैं. उनके जाने के बाद अब कई सवाल खड़े हो गए हैं, जिनका किसी के पास कोई जवाब नहीं है. घर का किराया कौन भरेगा, गाड़ी के लोन की बकाया ईएमआई का भुगतान और परिवार का भरण-पोषण आदि की जिम्मेदारी कौन निभाएगा, ये सवाल मुंह बाए खड़े हैं..
बताते चलें कि घटना बीती रात की है, जो दिल्ली से गुरुग्राम जाने वाले महिपालपुर रोड पर घटित हुई थी. घटना का वीडियो किसी दूसरे वाहन में सवार शख्स ने बनाया, जिसकी पहचान नहीं हो पाई है.
'मार्च में कार खरीदने के लिए कर्ज लिया था'
जानकारी के मुताबिक मृतक बिजेंद्र ने मार्च में कार खरीदने के लिए कर्ज लिया था और आजीविका कमाने के लिए इसे किराए पर कैब के रूप में चलाता था. लुटेरों ने मंगलवार को उनकी कार छीन ली, लेकिन इसका विरोध करते समय 43 वर्षीय टैक्सी ड्राइवर बिजेंद्र शाह खुद इसके नीचे आ गए. पहिये में फंसे होने के बाद करीब 300 मीटर तक घसीट कर ले जाने से उनकी भयानक मौत हो गई.
बुधवार को सफदरजंग अस्पताल के शवगृह के बाहर इंतजार करते हुए बिजेंदर शाह के रिश्तेदार और दोस्त भी उनके परिवार के लिए चिंतित थे. मृतक के छोटे भाई नागेंद्र शाह ने कहा, ''वह अपने परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाले थे. वे किराये के मकान में रहते हैं. उनका खर्च-किराया और आजीविका के लिए दैनिक खर्च कौन वहन करेगा?'' उन्होंने कहा कि उनके भाई के तीन बच्चे यहां पढ़ते हैं और दो बेटियां बिहार के मोतिहारी जिले में रहती हैं. हम चाहते हैं कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.
'भाई बोला- परिवार के सदस्यों को मुआवजा मिलना चाहिए'
नागेंद्र ने कहा, परिवार के सदस्यों को मुआवजा मिलना चाहिए, ताकि वे जीवित रह सकें और उनकी बेटी वह बन सके जो उसके पिता चाहते थे. बिजेंद्र शाह की सबसे बड़ी बेटी दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज से इतिहास (ऑनर्स) की पढ़ाई कर रही है. वह यूपीएससी की तैयारी कर रही है.
'पड़ोसी ने बताया- दो साल साथ चलाया था ऑटो रिक्शा'
बिजेंद्र के पड़ोसी विनोद पासवान ने कहा कि वे 90 के दशक के अंत में एक साथ रहते थे और सेंट्रल दिल्ली में एक साथ ही ऑटो-रिक्शा चलाते थे. 1996 में करीब दो साल तक रिक्शा चलाया था. शाह ने शहर में अपने शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष किया था. उनकी बेटी पढ़ाई में बहुत होशियार है. वो सिविल सेवा परीक्षा पास करके बड़ी अधिकारी बनना चाहती है.
'बेटे ने कहा-चाचा को दी गई थी सूचना'
मृतक बिजेंद्र के 12 वर्षीय बेटे आकाश ने कहा कि पुलिस ने बिहार में उसके चाचा को घटना के बारे में सूचित किया, जिन्होंने बाद में उन्हें यह भयानक खबर दी. पुलिस ने बिहार में रहने वाले मेरे चाचा रंजीत को फोन किया और उन्हें घटना के बारे में बताया, जिन्होंने बाद में लगभग 2 बजे हमें फोन किया और मेरे पिता के आवास के बारे में पूछा. मेरे पिता 2012 से टैक्सी चलाने का काम कर रहे थे.
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