नई दिल्ली: दिल्ली के 'मजनू का टीला' इलाके में कैम्प में रह रहे पाकिस्तान से भागकर आये हिन्दू शरणार्थियों की जिंदगी बेहद मुश्किल है. इन शरणार्थी कैम्पों में बिजली पानी तक की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में, इस इलाके में एक एनजीओ ह्यूमैनिटेरियन एंड इंटरनेशनल से जुड़े हुए सौरभ कुमार यादव इन लोगों की जिंदगी को आसान करने का काम कर रहे हैं.


कैम्प में सफाई से लेकर 12 स्ट्रीट लाइट लगाने का काम इनकी देखरेख में हुआ है. टॉयलेट न होने की वजह से यहां महिलाओं को खास तौर से दिक्कत थी. इसलिए इन्होंने इलाके में टॉयलेट ब्लॉक्स बनवाये. सौरभ बताते हैं कि "हम पांच जरूरी चीजों पर ध्यान दे रहे हैं. इनमें एडुकेशन, हेल्थ, स्किल ट्रेनिंग, लीगल स्टेटस और बेसिक एमिनिटीज शामिल है."


सौरभ कहते हैं कि इन्होंने NHRC में कंप्लेन किया था. कंप्लेन के बाद ही यहां पर टॉयलेट ब्लॉक्स बने. सुंदरी नाम की लड़की जो कि पैरालाइज हैं उनके लिए NCPCR को कम्प्लेन डाला गया जिसके बाद उसका मामला अब सेंट स्टीफन हॉस्पिटल देख रहा है. सबसे जो खास बात नजर आयी वो घर बैठे महिलाओं को रोजगार के लिए मदद करना है. एनजीओ महिलाओं से कढ़ाई बुनाई का काम करवाता है. महिलाओं को सिलाई मशीन से लेकर जो भी जरूरी चीजें हैं वो उपलब्ध करवाता है ताकि महिलाएं घर बैठे काम कर सकें. इतना ही नहीं इन कपड़ों को ऑनलाइन बिक्री के लिए भी उपलब्ध कराया जाता है.


सौरभ ने कहा, "ये लोग ज्यादातर पाकिस्तान के सिंध इलाके से आये हैं. इनके अंदर सिंध की कला है. इसलिए हम कढ़ाई करवाने पर ज्यादा फोकस करते हैं. इसको लोगों तक पहुंचाने का काम हम करते हैं. सिंध की सभ्यता को हम भूलते जा रहे हैं. इनके काम के जरिये हम इस सभ्यता को आगे बढ़ रहे हैं." इस कैंप में बिजली की सुविधा न होने के कारण कोई काम नही हो पा रहा था. इसलिए इन लोगों ने जगह-जगह स्ट्रीट लाइट लगवाए ताकि बाकी काम भी हो सके. इसके साथ ही महिलाएं और बच्चे रात में आराम से इन सड़कों पर आवाजाही कर सकें.