Delhi-Mumbai Expressway: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में सोमवार (17 अक्टूबर ) की शाम एक जैविक उद्यान के उद्घाटन के दौरान कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की मदद से दिल्ली को मुंबई के नरीमन पॉइंट तक की दूरी तय करने में मात्र 12 घंटे का समय लगेगा.
उन्होंने कहा कि दिल्ली को मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ( JNPT) तक जोड़ने का काम पहले चरण में पूरा किया जाएगा. इस काम को पूरा करने लिए इस वर्ष के आखिरी महीने तक का लक्ष्य रखा गया है.
नितिन गडकरी ने क्या कहा ?
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि देश में लगभग एक करोड़ लोग साइकिल-रिक्शा चलाते थे. इसके अलावा उन्होंने मंत्रालय उपलब्धियां बताते हुए कहा कि एक करोड़ लोगों में से आज लगभग 80 लाख लोग ई-रिक्शा चला रहे हैं. देश में 400 स्टार्ट-अप इलेक्ट्रिक स्कूटर, ई-रिक्शा भी अब बनाए जा रहे हैं.
कचरे को भी धन में बदला जा सकता है
देश में पर्यावरण के अनुकूल रीसाइक्लिंग पहल का को विस्तार से बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ भी बर्बाद नहीं होता है और सही तकनीक का उपयोग करके कचरे को भी धन में बदला जा सकता है. उन्होने कहा कि पिछले 8 सालों में नागपुर के सीवेज के पानी को रिसाइकिल कर बिजली बनाया जा रहा है. इसके बाद उस पानी महाराष्ट्र सरकार को बेचा जा रहा है. इस माध्यम से सालाना 300 करोड़ रॉयल्टी के रूप में भी मिल रहा है. साथ ही में उन्होने मथुरा में इसी तरह की चल रही योजनाओं के बारे में भी बताया.
ग्रीन फ्यूल का महत्व
केंद्रीय मंत्री ने ग्रीन फ्यूल के महत्व को दोहराते हुए कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय ने साल 2000 से ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की ओर कृषि के कई आयामों पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम गन्ने से इथेनॉल जैसे ग्रीन फ्यूल बना रहे है, जो कि प्रदूषण से मुक्त है. इसके साथ स्वदेशी भी है. इससे ईंधन के आयात को कम करने में काफी सहायता मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने नैतिकता, अर्थव्यवस्था और वातावरण को समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है.
नितिन गडकरी ने क्या कहा ?
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि देश में लगभग एक करोड़ लोग साइकिल-रिक्शा चलाते थे. इसके अलावा उन्होंने मंत्रालय उपलब्धियां बताते हुए कहा कि एक करोड़ लोगों में से आज लगभग 80 लाख लोग ई-रिक्शा चला रहे हैं. देश में 400 स्टार्ट-अप इलेक्ट्रिक स्कूटर, ई-रिक्शा भी अब बनाए जा रहे हैं.
कचरे को भी धन में बदला जा सकता है
देश में पर्यावरण के अनुकूल रीसाइक्लिंग पहल का को विस्तार से बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ भी बर्बाद नहीं होता है और सही तकनीक का उपयोग करके कचरे को भी धन में बदला जा सकता है. उन्होने कहा कि पिछले 8 सालों में नागपुर के सीवेज के पानी को रिसाइकिल कर बिजली बनाया जा रहा है. इसके बाद उस पानी महाराष्ट्र सरकार को बेचा जा रहा है. इस माध्यम से सालाना 300 करोड़ रॉयल्टी के रूप में भी मिल रहा है. साथ ही में उन्होने मथुरा में इसी तरह की चल रही योजनाओं के बारे में भी बताया.
ग्रीन फ्यूल का महत्व
केंद्रीय मंत्री ने ग्रीन फ्यूल के महत्व को दोहराते हुए कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय ने साल 2000 से ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की ओर कृषि के कई आयामों पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम गन्ने से इथेनॉल जैसे ग्रीन फ्यूल बना रहे है, जो कि प्रदूषण से मुक्त है. इसके साथ स्वदेशी भी है. इससे ईंधन के आयात को कम करने में काफी सहायता मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने नैतिकता, अर्थव्यवस्था और वातावरण को समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है.
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