निवेश संभावना सूचकांक में दिल्ली ने गुजरात को पीछे छोड़ा
सूची में राष्ट्रीय राजधानी के बाद तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल का स्थान है. 20 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की रैंकिंग छह मानदंडों के आधार पर हुई थी.
नई दिल्ली: दिल्ली ने अधिक निवेश संभावना वाले 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में गुजरात को पीछे छोड़ दिया है. प्रतिष्ठित आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. सूची में राष्ट्रीय राजधानी के बाद तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल का स्थान है.
20 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की रैंकिंग छह मानदंडों (भूमि, श्रम, बुनियादी ढांचा, आर्थिक माहौल, राजकाज संचालन एवं राजनीतिक स्थिरता और व्यावसायिक अवधारणा ) पर आधारित है. नेशनल काउंसिल आफ एप्लायड एकोनोमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने एक बयान में कहा कि साल 2017 की तुलना में एन-एसआईपीआई (राज्य निवेश संभावना सूचकांक) 2018 में दिल्ली एक स्थान आगे बढकर अगुवा रहा जबकि गुजरात सूची में तीसरे स्थान पर रहा.
एनसीएईआर ने एन- एसआईपीआई श्रृंखला मार्च 2016 में शुरू की थी. पिछली दो सूची में गुजरात पहले पायदान पर रहा है. निवेश के लिहाज से असम, झारखंड और बिहार सबसे कम पसंदीदा राज्य रहे हैं. हालांकि, अलग- अलग मानदडों पर उन्होंने उच्च अंक हासिल किये. बिहार श्रम के मामले में बेहतर रहा है, जबकि असम जमीन में तथा झारखंड आर्थिक मानदंड में बेहतर है.
रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों के लिये भ्रष्टाचार अब भी प्रमुख बाधा है. पिछले साल के एन- एसआईपीआई सर्वे में भी यही पाया गया था. हालांकि, भ्रष्टाचार को लेकर अनुभव में बदलाव हो सकता है.
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