नई दिल्ली: हाल ही में लागू हुए मोटर व्हाकल एक्ट का देश के कई हिस्सों में विरोध भी हो रहा है, इस विरोध में ट्रांसपोर्ट व्यापारी भी शामिल हो गए हैं. ट्रांसपोर्ट व्यापारियों का कहना है कि अब सवाल उनकी जिंदगी का आ गया है, उनके घरों के चूल्हे बुझने की कगार पर हैं. लिहाजा अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे 19 सितम्बर को पूरी दिल्ली में चक्का जाम करेंगे. ट्रांसपोर्ट व्यापारियों के संगठन यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने 6 सितम्बर को परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी ज्ञापन सौंपकर राहत की मांग की थी. व्यापारियों का कहना है कि इस पर अभी तक कोई एक्शन नहीं हुआ है.
इसके साथ ही यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने मोटर व्हाकल एक्ट को लेकर कुछ सुझाव भी सरकार के सामने रखें हैं. व्यापारियों का कहना है कि चालान का अधिकार सिर्फ एसीपी और एसडीएम स्तर के अधिकारियों को हो जिससे कानून का दुरुपयोग ना हो. व्यापिरयों ने कहा कि विदेशी जुर्माने की तरह सिर्फ राशि न बढ़ाना नहीं बल्कि सुविधाएं भी मुहैया कराना और साइंटिफिक एविडेंस की ओर भी सरकार ध्यान दे. व्यापिरियों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि चालान की दर ज्यादा होने की वजह से ड्राइवर भी नौकरियां छोड़ कर जा रहे हैं. गौरतलब है कि नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद ट्रांसपोर्ट व्यापार पर इसका नकारात्मक असर लगातार देखने को मिल रहा है.
ओवर स्पीडिंग में मेरा भी चालान कटा: गडकरी
नए मोटर व्हीकल एक्ट में बढ़े हुए जुर्माने को लेकर हो रहे विरोध पर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने बताया कि ओवर स्पीडिंग के चलते मेरा भी चालान हुआ है. सरकार के 100 दिन होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, ''लोग बढ़े हुए जुर्माने को लेकर शिकायत कर रहे हैं, मेरा भी वांद्रा वर्ली सी लिंक पर ओवर स्पीडिंग का चालान कटा है क्योंकि कार मेरे नाम से रजिस्टर्ड थी.''