नई दिल्ली: दिल्ली के एम्स अस्पताल में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल जल्द शुरू होगा. अस्पताल की एथिक्स कमिटी से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है जिसके बाद ट्रायल शुरू किया जाएगा. मई में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने बच्चों के फेज 2 और 3 क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दी थी.
भारत में बच्चों के लिए कोरोना टीका के ट्रायल को अनुमति मिलने के बाद जल्द दिल्ली के एम्स में इसका ट्रायल शुरू होने जा रहा है. क्लीनिकल ट्रायल से पहले अस्पताल की एथिक्स कमिटी से ट्रायल की अनुमति लेनी होती है जिसके मिलने के बाद ही ट्रायल शुरू होता है. एम्स में इस ट्रायल के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ संजय राय के मुताबिक जल्द ही इसके मिलने की संभावना है जिसके बाद ट्रायल शुरू हो जाएंगे.
इस ट्रायल में बच्चों को तीन ग्रुप में बांटा गया है. पहला ग्रुप है 12 से 18 साल, जिसमें इस ऐज ग्रुप के क्लीनिकल ट्रायल के वालंटियर्स को वैक्सीन की डोज दी जाएगी. इसके बाद 6 से 12 साल के उम्र के बच्चे और फिर 2 से 6 साल के उम्र के बच्चों को वैक्सीन ट्रायल में शामिल किया जाएगा. बच्चों के ट्रायल भी वैसा ही होगा जैसे बड़ों का हुआ है.
- पहली डोज और दूसरी डोज के बीच 28 दिनों का अंतर होगा.
- बच्चों को भी 6mg की डोज दी जाएगी.
- ट्रायल से पहले इनका भी एंटीबाडी टेस्ट किया जाएगा. वहीं ट्रायल में वैक्सीन लगने के बाद इन्हें भी लगातार मॉनिटर किया जाएगा.
पहले इस वैक्सीन का भारत में तीन चरण का ट्रायल अलग-अलग जगहों पर हुआ था
12 मई को देश के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI), ने सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति दी है. 2 से 18 साल के आयु वर्ग में ट्रायल का प्रस्ताव 11 मई को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी के सामने आया था और इसपर विचार-विमर्श किया गया था. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने प्रस्तावित दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भी अपनी मंजूरी दे दी. क्लीनिकल ट्रायल में, टीके को इंट्रामस्क्युलर मार्ग द्वारा दो डोज पहले और 28वें दिन पर दिया जाएगा.
इससे पहले इस वैक्सीन का भारत में तीन चरण का ट्रायल अलग-अलग जगहों पर हुआ था. जिसके बाद जनवरी के पहले हफ्ते में इस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन की मंजूरी दे दी गई थी. अब भारत मे चल रहे टीकाकरण में इसे लोगों को दिया जा रहा है.
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