नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रवन्धक समिति ने एक अनोखी पहल करते हुए गुरूद्वारा बंगला साहिब में पगड़ी बैंक की स्थापना की है. इसमें बच्चों को पगड़ी पहनना और इसका धार्मिक महत्व समझाया जाएगा. यहां नाममात्र की कीमत पर पगड़ी उपलब्ध कराने के साथ ही उसे करीने से बांधने का तरीका भी बताया जा रहा है.
समिति जल्दी ही दिल्ली के दस ऐतिहासिक गुरूद्वारों में यह बैंक स्थापित करेगी.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रवन्धक समिति के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया की समिति ने गुरु नानक देव जी के 550 वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में गुरूद्वारा बंगला साहिब में राजधानी दिल्ली के पहले टर्बन बैंक की स्थापना की हैं. इस बैंक में दिल्ली के सिख नौजवानों और बच्चों को मात्र पचास रूपये में उनके साइज की आकर्षक पगड़ी प्रदान की जा रही है.
सिख युवकों को पगड़ी बांधने की कला सिखाने के लिए समिति द्वारा दो सिख बुद्धिजीवियों की सेवाएं लिए जाने की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लगभग तीन सप्ताह पहले शुरू की गई इस अनूठी योजना के अन्तर्गत अब तक लगभग एक हज़ार सिख दानवीरों ने टर्बन बैंक में अपनी पगड़ियां दान की हैं और इनमें से लगभग पांच सौ पगड़ियां जरूरतमंदों को पचास रूपये की दर से प्रदान की गई हैं.
यह गुरुद्वारा मूलतः एक बंगला था, जो जयपुर के महाराजा जयसिंह का था. सिखों के आठवें गुरु गुरु हर किशन सिंह यहां अपने दिल्ली प्रवास के दौरान रहे थे. उस समय स्माल पॉक्स और हैजा की बिमारियां फैली हुई थीं. गुरु महाराज ने उन बीमाअरियों के मरीजों को अपने आवास से जल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराईं थीं. अब यह जल स्वास्थ्य वर्धक, आरोग्य वर्धक और पवित्र माना जाता है और विश्व भर के सिखों द्वारा ले जाया जाता है. यह गुरुद्वारा अब सिखों और हिन्दुओं के लिए एक पवित्र तीर्थ है.
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