नई दिल्ली: दिल्ली की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों (Unauthorised Colonies) को नियमित करने वाले बिल को संसद से मंजूरी मिल गई है. इन कॉलोनियों में रहने वाले लगभग नौ लाख परिवारों को संपत्ति का मालिकाना हक देने वाले राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कॉलोनी निवासी सम्पत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक 2019 को राज्यसभा ने बुधवार को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया. लोकसभा इस विधेयक को पिछले सप्ताह पारित कर चुकी है.


विधेयक पर उच्च सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुये शहरी विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इसके कानून बनने पर दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार मिलने पर ये कालोनियां स्वत: नियमित हो जायेंगी.


पुरी ने स्पष्ट किया कि इन कालोनियों में संपत्ति के स्वामित्व के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर महिला या उसके पति/परिवार के अन्य पुरुष सदस्य के नाम से संयुक्त रूप से संपत्ति का पंजीकरण किया जायेगा. अधिकतर विपक्षी दलों ने सरकार पर राजनीतिक लाभ के मकसद से यह विधेयक लाये जाने का आरोप लगाया किंतु इसके प्रावधानों का समर्थन किया.


आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बिल पर बहस के दौरान कहा कि 14 साल तक बीजेपी को दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियो की याद नहीं आई, दिल्ली सरकार ने 2015 में बिल पास करके केंद्र को भेजा तब कुछ नही किया मगर जब आज दिल्ली में चुनाव है तो 100लोगो को रजिस्ट्री देने का झुनझुना लेकर आ गए दिल्ली के लोगों को झुनझुना नहीं रजिस्ट्री चाहिए.


कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए लाए गए विधेयक को ‘‘राजनीति स्टंट’’ करार देते हुए दावा किया कि पांच साल में केंद्र सरकार ने इसकी सुध नहीं ली और दिल्ली विधानसभा के चुनाव करीब आते ही जल्दबाजी में यह विधेयक लाया गया.


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