नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय के थर्ड ईयर में पढ़ने वाले छात्रों के सामने अजब सी मुसीबत पेश आ रही है. दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर एडमिट कार्ड 2020 डाउनलोड करते वक्त कई छात्रों की निजी जानकारी जैसी कि फोन नंबर, घर का पता, माता पिता का नाम सार्वजनिक हो गया. जिसके कारण कई छात्रों को फेक कॉल्स और मैसेजे कुछ दिनों से आ रहे हैं. इसकी शिकायत उन्होंने कॉलेज कि प्रिंसिपल से की तो प्रिंसिपल का कहना था कि ये गलती कॉलेज लेवल पर नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी लेवल पर हुई है, लिहाज़ा सुधार भी वहीं से होगा.
फेक कॉल से परेशान छात्र
दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में पढ़ने वाली राशि साहू एबीपी न्यूज से बातचीत में कहती हैं कि "मैं पहले से ऑनलाइन परीक्षाओं को लेकर परेशान थी लेकिन अब नई मुसीबत सामने आ खड़ी हुई है. हमारी निजी जानकारी यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर सार्वजनिक है. डीयू के पोर्टल को खोलने पर बड़ी आसानी से हमारी प्राइवेट इंफॉर्मेशन दिख रही है जिस कारण मुझे कई फेक कॉल्स आ रहे हैं. यूनिवर्सिटी से गुज़ारिश है कि जल्द से जल्द ये जानकारी वेबसाइट से हटाई जाए"
फैकल्टी ऑफ लॉ में पढ़ने वाली छात्रा जिनकी जानकारी भी पोर्टल के जरिए सार्वजनिक हो गई कहती हैं कि " मैंने यूनिवर्सिटी के पास अपना फोन नंबर , घर का पता विश्वास के साथ दिया था, उन्हें कोई हक नहीं कि मुझसे बिना पूछे मेरी जानकारी को इस तरह से साझा कट दिया जाए!"
करीब 2 हजार छात्रों की जानकारी सार्वजनिक
कॉलेज का कोड उस गड़बडी में पासवर्ड की तरह काम कर रहा है. कॉलेज कोड भी वेबसाइट और छात्रों के बीच आसानी से उपलब्ध है जिस कारण दिल्ली यूनिवर्सिटी का यह मामला गंभीर है. करीब दो हजार छात्रों की निजी जानकारी सार्वजनिक होने से छात्रों के बीच खलबली मची है. छात्रों ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी देते हुए यूनिवर्सिटी से जल्द से जल्द सुधार करने की अपील की.
एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुग ने एडमिट कार्ड के जरिए व्यक्तिगत डेटा जारी करने के मानदंडों के खिलाफ जानकारी देते हुए लिखा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी कई मायनों में पूरी तरह से अविश्वसनीय है और छात्रों के डेटा को अप्रत्यक्ष रूप से जारी करती है. यह पहली बार नहीं है कि दिल्ली विश्वविद्यालय इस तरह की बातें कर रहा है. हाल ही में एनएसयूआई को पता चला कि एडमिट कार्ड के माध्यम से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों के व्यक्तिगत डेटा को जारी कर रहा है और छात्रों के घर का पता आसानी से मिल सकता है.
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