नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स वेलफेयर फंड (DUTWF) के तहत शिक्षकों को वित्तीय सहायता पहुंचाने के लिए नए पदाधिकारी प्रो जसविंदर सिंह ने एक पत्र लिखा है. टीचर्स वेलफेयर फंड ने ये पत्र विभाग/प्रधानाध्यापकों/केंद्रों/संस्थानों के निदेशकों के प्रमुखों को लिखा है. पूरे देश में जिस तेजी से कोरोना वायरस के आंकड़े बढ़े हैं उसका असर विश्वविद्यालय संस्थान पर भी हुआ है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के करीब 25 सदस्यों की अब तक कोरोना वायरस के कारण मृत्यु हो गई है. मानवीय क्षति और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर पीड़ित शिक्षकों के परिवार के लिए डीयू टीचर्स वेलफेयर फंड के बैंक अकाउंट का भी संचालन किया गया है. वहीं DUTWF के नए पदाधिकारी प्रो जसविंदर सिंह, प्रिंसिपल, एसजीटीबी खालसा कॉलेज मानद सचिव, प्रिंसिपल, हंसराज कॉलेज मानद को कोषाध्यक्ष बनाया गया है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स वेलफेयर फंड काफी समय से बंद था जिसके चलते शिक्षकों को वित्तीय या चिकित्सीय सहायता नहीं मिली. DUTWF का बैंक खाता भी सक्रिय नहीं था जिसके चलते कॉलेजों, विभागों और केंद्रों द्वारा एकत्र किए गए सदस्यों की सदस्यता नहीं थी. लेकिन अब डीयू के कुलपति प्रो पीसी जोशी ने रोज के कार्यों के लिए कार्य समिति बना दी है. साथ ही सदस्यों के लिए सब्सक्रिप्शन की मासिक फीस 50 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए कर दी गई है.
वित्तीय सहायता के लिए क्या जरूरी है ?
एक स्थायी शिक्षक और DUTWF का सदस्य होना अनिवार्य है. वित्तीय सहायता 1 मार्च, 2021 से लागू होगी. हालांकि, सदस्यों की चिकित्सा और वित्तीय सहायता के लिए अनुरोध पर यदि कोई हो तो पिछले दरों (28-2-21) के अनुसार किया जाएगा.
पहले की दरें और नई दरें , जाने दोनों में क्या है अंतर
पहले की दरें 28 फरवरी तक प्रभावी थी और नई दरें 1 मार्च 2021 से प्रभावी होंगी. वित्तीय सहायता के लिए पुरानी या पहले की दरों के अनुसार सदस्य मदद की जाएगी.
पुरानी दरों के अनुसार, 50 साल और उससे अधिक (सेवानिवृत्ति तक) के लिए 2.40 लाख, 40 से 50 साल तक के बीच के लोगों को 2.80 लाख और 40 साल से कम उम्र को 3.20 लाख की मदद दी जाती थी. अब नई दरों के अनुसार, 50 साल और उससे अधिक (सेवानिवृत्ति तक) के लिए 6 लाख, 40 से 50 साल तक के बीच के लोगों को 8 लाख और 40 साल से कम उम्र को 10 लाख की मदद मिलेगी.
सेवा में रहते हुए किसी शिक्षक की कोविड महामारी के कारण 1 मार्च के बाद मृत्यु होने पर परिवार को पांच लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी. चिकित्सा और वित्तीय सहायता की प्रक्रिया को तेज और करने के लिए शिक्षकों को अपनी सभी जानकारी कॉलेज/विभाग/केंद्र को जमा करने की सलाह भी दी गई है. वित्तीय सहायता कॉलेज/विभाग के खाते में भेजी जाएगी और यह सुनिश्चित करना कॉलेज की जिम्मेदारी होगी की DUTWF द्वारा मिली सहायता जरूरतमंद तक पहुंची या नहीं.
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