PM Modi BA Degree: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए किया था या नहीं? इस सवाल का जवाब पिछले 10 सालों से नहीं मिल पाया है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल कहते रहे हैं कि पीएम मोदी ने कभी ग्रेजुएशन नहीं किया, वहीं बीजेपी नेता पीएम मोदी की डिग्री का बचाव करते रहे हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी जहां से पीएम मोदी के बीए करने का दावा किया जाता रहा है, वह भी इस मामले में पीएम मोदी का पक्ष लेती रही है हालांकि यूनिवर्सिटी ने खुलकर कोई तथ्य आज तक नहीं रखे हैं. अब जब इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई तब भी दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पीएम मोदी की डिग्री को सार्वजनिक न करने पर जोर दिया गया.


दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को पीएम मोदी की बीए डिग्री सार्वजनिक करने की मांग करने वाली एक RTI पर सुनवाई हुई. इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पैरवी करते दिखे. उन्होंने दलील दी कि पीएम मोदी की डिग्री का मामला कोई सार्वजनिक हित का मामला नहीं है, यह केवल सार्वजनिक रूचि का विषय बन गया है, ऐसे में यह RTI के तहत इसका खुलासा करने की जरुरत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि जनता को किसी चीज में दिलचस्पी हो सकती है लेकिन हमेशा यह सार्वजनिक हित नहीं हो सकता. उन्होंने पूछा कि इस मामले में क्या कोई सार्वजनिक हित है?


वहीं, RTI आवेदक की ओर से सीनियर काउंसल संजय हेगड़े ने तर्क दिया कि RTI अधिनियम में व्यापक जनहित में ऐसी जानकारी का खुलासा करने का प्रावधान है. बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी.


CIC ने 2016 में दिया था आदेश
पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में जब बीजेपी की ओर से पीएम मोदी के दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए करने के दावे किए जाने लगे तब इस मामले में विपक्षी नेताओं ने डिग्री का खुलासा करने की मांग की. इस मामले में आरटीआई भी लगाई गई. इसके बाद केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने 21 दिसंबर 2016 को अपने आदेश में साल 1978 में बीए परीक्षा पास करने वाले सभी छात्रों के रिकॉर्ड के निरीक्षण की अनुमति दी. दावा किया जाता है कि इसी साल पीएम मोदी ने भी यह परीक्षा पास की थी. हालांकि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस आदेश का विरोध करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाई कोर्ट ने 23 जनवरी 2017 को CIC के इस आदेश पर रोक लगा दी. तब से लेकर अब तक यह मामला अटका हुआ है.


(इनपुट पीटीआई के साथ)


यह भी पढ़ें...


Anti-minority Hate Speech: एक साल में अल्पसंख्यकों के खिलाफ 1165 नफरती भाषण, BJP शासित राज्यों में 80% मामले; रिपोर्ट में खुलासा