नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान आज दिल्ली के महरौली के पास मौजूद भाटी कलां गांव में तैयार हो रहे दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज की पहली ईंट रखने पहुंचने वाले थे लेकिन आज का यह कार्यक्रम स्थगित हो गया है. कॉलेज के लिए 40 बीघा जमीन दिल्ली सरकार द्वारा दी गई है जिसकी मंजूरी जिला प्रशासन ने दी है. साथ ही दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल का समर्थन भी प्राप्त चुका है. कॉलेज के विशाल कैंपस में कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए आवासीय सुविधा, छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा और एक खेल परिसर होगा. साथ ही प्रस्तावित कॉलेज से बड़े पैमाने पर दिल्ली और गुड़गांव की ग्रामीण आबादी को अच्छी शिक्षा की सुविधा मिलेगी. 


दिल्ली यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता कहते हैं कि यह लड़कियों का कॉलेज रहेगा या सह शिक्षा (को-ऐड) कॉलेज के रूप में सौंपा जाएगा यह अभी साफ नहीं है. कॉलेज के नाम को लेकर भी कई नामों पर विचार जारी है. संभावना यह भी है कि कॉलेज का नाम दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज के नाम पर रखा जा सकता है, हालांकि आखरी निर्णय संविधिक निकायों (statutory body) द्वारा लिया जाएगा. बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी डीयू अधिकारियों के साथ जमीन के निरीक्षण में शामिल हो गए हैं.  


रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने कहा, 'फतेहपुर बेरी में भी सुविधा केंद्र बनने की तैयारी है. यह कई अन्य सुविधा केंद्रों में से पहला है जिसे हम पूरी दिल्ली में खोलना चाहते हैं, खासकर शहर के केंद्र से दूर क्षेत्रों में. यह उन छात्रों के लिए फायदेमंद होगा, जिन्हें शुल्क जमा करने, दस्तावेज सत्यापन, अपने परीक्षा फॉर्म में गलतियों के सुधार, या डुप्लिकेट मार्कशीट, अनंतिम डिग्री आदि लेने के लिए परिसर में आने की आवश्यकता नहीं होगी.'


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