Delhi University News: किरोड़ीमल कॉलेज के प्रोफेसर के 'मार्क्स जिहाद' वाले बयान पर विवाद, विरोध में उतरे छात्र
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राकेश कुमार पांडेय के सोशल मीडिया पोस्ट की निंदा करते हुए 'मार्क्स जिहाद' की बात को हास्यास्पद बताया है.
किरोड़ीमल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर राकेश कुमार पांडेय ने दो दिन पहले सोशल मीडिया पर केरल बोर्ड से 100 प्रतिशत हासिल कर दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले छात्रों पर 'मार्क्स जिहाद' का आरोप लगाया तो छात्रों के साथ-साथ शशि थरूर ने भी इसका विरोध किया. राकेश कुमार पांडे ने सोशल मीडिया पर लिखा, "एक कॉलेज को 20 सीटों वाले पाठ्यक्रम में 26 छात्रों को केवल इसलिए प्रवेश देना पड़ा, क्योंकि उन सभी के पास केरल बोर्ड से 100 प्रतिशत अंक थे. पिछले कुछ वर्षों से केरल बोर्ड लागू कर रहा है -मार्क्स जिहाद."
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राकेश कुमार पांडेय के सोशल मीडिया पोस्ट की निंदा करते हुए 'मार्क्स जिहाद' की बात को हास्यास्पद बताया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध शिक्षक संघ नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के पूर्व अध्यक्ष और अब किरोड़ीमल कॉलेज में फिजिक्स के प्रोफेसर पांडेय एबीपी न्यूज से खास बातचीत में कहते हैं कि मैंने डीयू प्रशासन से पूछा है कि कितने छात्रों को 100 परसेंट मिला है. मेरा शक है कि केरल बोर्ड के ये सभी छात्र जिन्हें एडमिशन मिला है वो 100 परसेंट प्राप्त करने वाले हैं. 100 परसेंट और 99.9 में भी फर्क है. जेहादी इस्लामिस्ट फोर्सेज जो JNU में काम करते हैं और वही इसके पीछे ऑपरेट कर रहे होंगे, इतना तो मैं कहूंगा. जेहादी और लेफ्टिएट, ये दोनों एक ही कैटेगरी के होते हैं. और जेएनयू में उन्होंने ये दिखाया भी है. मेरा इशारा लेफ्ट आइडियोलॉजी पर है, धर्म पर नहीं है. जिहाद धर्म विशेष शब्द नहीं है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की प्रतिक्रिया पर प्रोफेसर कहते हैं कि उन्होंने पूरे मामले को समझे बिना ऐसा कहा है. उन्हें पहले मामले को जान लेना चाहिए था. डीयू में कभी बिहार से, कभी राजस्थान से बड़ी तादाद में छात्र आते हैं. लेकिन उनसे किसी साजिश की बू नहीं आती है. मेरी मांग है कि डीयू में दाखिले के लिए एंट्रेंस एग्जाम होने चाहिए. हालांकि शब्दों के चयन पर कोई माफी नहीं मांगना चाहता.
उन्होंने साफ कर दिया है कि जिहाद शब्द के इस्तेमाल पर वो माफी नहीं मांगेंगे. लेकिन छात्रों में इसे लेकर गुस्सा है. कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) और लेफ्ट की छात्र इकाई ऑल इंडिया स्टूडेंट यूनियन (AISA) ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया और प्रोफेसर के इस्तीफे की मांग की. ABVP भी 100 प्रतिशत कट ऑफ को लेकर प्रदर्शन लगातार कर रहा है. ABVP ने 100 प्रतिशत कट ऑफ को लेकर डीयू प्रशासन का पुतला फूंका. NSUI दिल्ली के अध्यक्ष, कुणाल सेहरावत कहते हैं कि शिक्षक का काम छात्रों को पढ़ाना है, उन्हे काबिल बनाना है. अफसोस कि प्रोफेसर की सोच इतनी खराब हो चुकी है. ये दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला कर रही कमिटी का काम है कि उन स्टूडेंट्स को लेना है या नही.
केरल बोर्ड पर लग रहे आरोपों पर एबीपी न्यूज ने केरल बोर्ड के कुछ छात्रों से भी बात की. केरल के डिविन कहते हैं कि "हम यहां पढ़ने आते हैं, केंद्रीय विश्वविद्यालय किसी एक समुदाय या ग्रुप के लिए आरक्षित नहीं है. हम यहां केवल पढ़ने आते हैं, देश विरोधी काम करने नहीं." केरल के एक अन्य छात्र ने कहा कि प्रोफेसर सांप्रदायिक बातें कर रहे हैं, हम यहां केवल पढ़ने आते हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह का किरोड़ीमल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर के बयान से उठे विवाद पर कहना है कि उन्होंने अभी ऑफिस ज्वाइन किया है और फिलहाल उन्हें इस विवाद को लेकर जानकारी नहीं है. साथ ही UG कोर्स के लिए 100 प्रतिशत कट ऑफ को देखते हुए एंट्रेंस एग्जाम की मांग पर साफ किया है कि सभी कमिटी के सदस्यों की सहमति के बाद निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा, "मैंने अभी ज्वाइन किया है, मुझे किसी विवाद का अभी आइडिया नहीं है. पहले मुद्दे को समझने की कोशिश करेंगे फिर उन पर काम करेंगे. अंडर ग्रेजुएट कोर्स में एंट्रेंस परीक्षा हो या नहीं यह निर्णय यूनिवर्सिटी की स्टैटुटरी बॉडी, EC, AC, फैकल्टी के डीन, इत्यादि से बात कर लिया जाएगा. सबकी सहमति बनती है तो इस बारे में सोच सकते हैं. आज ये कहना बहुत जल्दी होगा."
दिल्ली यूनिवर्सिटी का टीचर एसोसिएशन जो डीयू के अध्यापकों के हितों को लेकर लगातार प्रदर्शन से लेकर हड़ताल करता रहता है, फिलहाल पूरी तरह ठंडा दिखाई दिया. डूटा के अध्यक्ष राजिब रे ने पूरे मामले को प्रोफेसर की निजी राय बता कर खारिज कर दिया. साथ ही सरकार को नए कॉलेज खोलने की सलाह दे डाली.