नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन के अंतर्गत आने वाले प्रोफेसर आज से अपनी ड्यूटी पर वापस लौटेंगे और क्लास लेना शुरू कर देंगे. हालांकि एसोसिएशन ने 12 अप्रैल से फिर हड़ताल शुरू किए जाने की बात कही है अगर उनकी शर्तों को नहीं माना गया तो. दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को करीब 6 महीने से वेतन नहीं मिला है, जिसे लेकर डूटा (DUTA) ने वक्त -वक्त पर प्रदर्शन किया है लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है.
मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कॉलेज प्रशासन के साथ बैठक में 28.24 करोड़ रुपए जारी करने का आदेश 17 मार्च को दिया था. साथ ही ये आश्वस्त भी किया था कि सरकार किसी भी स्थिति में कॉलेजों के स्टाफ का वेतन नहीं रोकेगी. लेकिन अब तक इस आदेश का पालन ना होने के कारण आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव झेल रहे शिक्षकों ने फिलहाल छात्रों के हित को प्राथमिकता देते हुए अपना कार्यभार आज से संभालने का निर्णय तो लिया है लेकिन यह बात भी साफ कर दी है कि 12 अप्रैल तक अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो फिर से हड़ताल की शुरुआत होगी.
डूटा के अध्यक्ष राजीब जानकारी देते हुए कहते हैं कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेज शत-प्रतिशत दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं. दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, डॉक्टर भीम राव अंबेडकर कॉलेज, अदिति महाविधालय, कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस (महिला), केशव महाविधालय, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, महारिशी बाल्मिकी कॉलेज, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन और महाराजा अग्रसेन कॉलेज उन कॉलेजों की लिस्ट में शामिल हैं जो पूर्ण रूप से दिल्ली सरकार के वित्त पोषित कॉलेज हैं.
शिक्षकों की आगे की योजना...
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और छात्रों को संक्रमित होने से बचाने के लिए लॉकडाउन के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कॉलेजों को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद 1 फरवरी से अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय खोल दिया गया था, अंतिम वर्ष के छात्र करीब दो महीने से परिसर में कक्षाओं के लिए आ जा रहे हैं लेकिन बाकी कक्षाओं के लिए कॉलेज अब भी बंद हैं. अपने वेतन को हासिल करने की मांग को लेकर शिक्षकों ने 15 मार्च को दिल्ली विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास तक पैदल मार्च किया था. वहीं 18 मार्च को उपराज्यपाल ऑफिस तक पैदल मार्च भी किया था. अब डूटा ने निर्णय लिया है कि
- 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री केजरीवाल के चुनावी क्षेत्र में जनसंवाद किया जाएगा.
- 7 अप्रैल को सुबह 11 बजे दिल्ली के मंडी हाउस पर शिक्षक अपनी मांगों को लेकर एकत्रित होंगे.
- 9 अप्रैल को उपमुख्यंत्री मनीष सिसोदिया के चुनावी क्षेत्र में जनसंवाद आयोजित किया जाएगा.
डूटा के अध्यक्ष राजीव रे और सेक्रेटरी राजिंदर सिंह हांलांकि आश्वस्त करते हुए लिखते हैं कि सभी प्रदर्शन और हड़ताल में कोरोना वायरस से संबंधित सावधानियों का विशेष ध्यान रखा जाएगा.
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