बुलेट ट्रेन से होंगे रामलला के दर्शन, दिल्ली-वाराणसी रूट में शामिल होगा अयोध्या!
13 दिसंबर से दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का लिडार सर्वे शुरू होगा. परंपरागत तरीक़े से सर्वे करने पर करीब साल भार का वक्त लगता है लेकिन लिडार तकनीक से ये काम तीन महीने में पूरा हो सकता है.
नई दिल्ली: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट कॉरिडोर के बाद अब मोदी सरकार ने दिल्ली और वाराणसी के बीच बुलेट चलाने की तैयारी कर ली है. 13 दिसंबर से दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का सर्वे शुरू होगा. दिल्ली से वाराणसी के बीच 865 किलोमीटर लंबे ट्रैक के लिए हेलिकॉप्टर से लिडार सर्वे किया जाएगा.
इस तकनीक में लेज़र बीम वाले उपकरणों से लैस एक हेलिकॉप्टर का उपयोग लिडार यानी लाईट डिटेक्शन एंड रेंजिंग तकनीक के लिए होगा. परंपरागत तरीक़े से सर्वे करने पर करीब साल भार का वक्त लगता है लेकिन इस तकनीक से ये काम तीन महीने में पूरा हो सकता है.
दिल्ली से वाराणसी के रास्ते में मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही और अयोध्या भी शामिल किए जा सकते हैं. वहीं देश के पहले बुलेट ट्रेन रूट मुंबई अहमदाबाद पर भी तेजी से काम चल रहा है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने L&T को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट में 87.56 किलोमीटर बनाने का ठेका दिया है । दोनों शहरों के बीच करीब 508 किलोमीटर की दूरी है जिसे बुलेट ट्रेन रिकार्ड वक्त में पूरा कर सकती है.
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